चीन पर नजर रखने के लिए आर्मी ने माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को किया मजबूत, दिया अहम जिम्मा

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 09, 2021 | 16:30 IST

भारत और चीन के बीच लंबे समय तक तनावपूर्ण हालात बने रहे। इस बीच आर्मी ने ऊंचे पहाड़ी इलाकों में अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा दिया है।

Indian Army strengthens mountain strikes corps looking after China border
चीन पर नजर रखने के लिए माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की मजबूती 
मुख्य बातें
  • भारत और चीन के बीच लंबे समय तक चला तनाव, दोनों देशों के बीच जारी है बातचीत
  • माउंटेन स्ट्राइक कोर की तैनाती से पाकिस्तान तथा चीनी सीमा पर भी नजर बनाई जा सकेगी
  • पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले शेष क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर जारी है चर्चा

नई दिल्ली: उत्तरी सीमाओं पर अपने सैनिकों की तैनाती को और मजबूत करते हुए, भारतीय सेना ने अपने एकमात्र माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स में लगभग 10,000 और सैनिकों को शामिल किया है, जो चीन की सीमा पर आक्रामक अभियानों पर नजर रखेंगे।  माउंटेन स्ट्राइक कोर की तैनाती से पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा के साथ -साथ चीनी सीमा पर भी नजर बनाई जा सकेगी और इसी के तहत यह कदम उठाया गया है।

सेना का अहम बयान

सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पूर्वी सेक्टर में स्थित लगभग 10,000 सैनिकों के साथ एक मौजूदा डिवीजन को अब पूर्वी बंगाल में स्थित 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को सौंपा गया है।  सूत्रों के मुताबिक, 'माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को केंद्र द्वारा लगभग एक दशक पहले मंजूरी दी गई थी, लेकिन इसके साथ केवल एक डिवीजन जुड़ी थी और अब इस नए कदम के साथ यह अपने काम को और अधिक मारक क्षमता के साथ कर सकेगी।'

भारत चीन के बीच लंबे समय तक चला था तनाव

 सेना ने हाल के दिनों में कई चुनौतियों का सामना किया है और कई रूपों में दोहरे कार्य दिए गए हैं। चीन के साथ लंबे समय तक चले तनाव के बीच सीमा पर सेना लंबे समय तक तैनात रही और लद्दाख तथा अन्य क्षेत्रों में चीनी अतिक्रमण के कारण हिंसा भी भड़क उठी थी।  इस बीच, भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लद्दाख सेक्टर और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन तैनाती से वापस लौटना शुरू कर दिया है।भारतीय और चीनी दोनों देशों के सैनिक बड़ी संख्या में पिछले साल से ही सीमा पर तैनात हैं।

 भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता

आपको बता दें कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग जैसे गतिरोध वाले शेष हिस्सों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये शुक्रवार को एक और दौर की वार्ता की। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चुशुल सीमा क्षेत्र पर पूर्वाह्न करीब साढ़े दस बजे कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की बैठक शुरू हुई। दसवें दौर की सैन्य वार्ता 20 फरवरी को हुई थी। इससे दो दिन पहले दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिक और हथियारों को पीछे हटाने पर राजी हुईं थीं। वह वार्ता करीब 16 घंटे चली थी।

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