म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ 2 महीने से प्रदर्शन जारी, सेना ने ली 550 जानें, विरोध का नया तरीका भी निकाला

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Updated Apr 03, 2021 | 16:58 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Myanmar Protest: म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ नागरिकों का प्रदर्शन पिछले 2 महीने से जारी है। सैन्य कार्रवाई में अभी तक 550 लोगों की जान जा चुकी है।

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म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन 

नई दिल्ली: हमारे पड़ोसी देश म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना की सख्त कार्रवाई भी जारी है। 2 महीनों में वहां सैन्य कार्रवाई में 550 नागरिकों की जान जा चुकी है। म्यांमार के एक मानवाधिकार समूह 'असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स' ने बताया है कि मृतकों में 46 बच्चे हैं। करीब 2,751 लोगों को हिरासत में लिया गया या सजा दी गई है।

म्यांमार में सेना के आदेश पर वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं शुक्रवार को बंद कर दी गई हैं। हफ्तों तक रात में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने के बाद सेना ने अब फाइबर आधारित लैंडलाइन इंटरनेट कनेक्शन के अलावा सभी तरह की इंटरनेट सेवा रोक दी है। ब्रॉडबैंड की गति भी बेहद धीमी है। सरकार ने कुछ सैन्य नियंत्रित मीडिया को छोड़ सभी को बंद कर दिया है। कुछ को कार्य करने से रोक दिया गया है। हालांकि कुछ सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से अपनी बात रख रहे हैं। 

'सैकड़ों लोगों को जबरन गायब कर दिया'

न्यूयॉर्क स्थित मानवाधिकार निगरानी संस्था ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि म्यांमार की सेना ने नेताओं, चुनाव अधिकारियों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों समेत सैकड़ों लोगों को जबरन गायब कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए वे किन स्थानों पर है या वकीलों तथा उनके परिवार के सदस्यों को उन तक जाने देने से इनकार कर दिया है। ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा, 'सैन्य जुंटा की तरफ से मनमानी गिरफ्तारी और जबरन लोगों को गायब करने का व्यापक प्रयोग तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के मन में डर पैदा करने वाले मालूम होते हैं।' 

संविधान की प्रतियां जलाईं

हाल ही में देश के सबसे बड़े शहर यांगून में युवाओं के एक समूह ने प्रदर्शन में मारे गए 500 से ज्यादा लोगों की याद में शोक गीत गाए। इसके बाद उन्होंने जुंटा शासन के खिलाफ नारेबाजी की और अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को रिहा करने तथा लोकतंत्र को बहाल करने की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन किया। विभिन्न शहरों में प्रदर्शनकारियों ने 2008 के संविधान की प्रतियां जलाईं। म्यांमार में पद से हटाए गए सांसदों समेत विपक्षी समूह ने सेना के निर्देश के तहत 2008 में देश के घोषित संविधान को अमान्य बताया। 

सड़कों पर कूड़ा इकट्ठा किया

प्रदर्शनकारी ने सैन्य शासन का विरोध करने के लिए 'गारबेज स्ट्राइक' शुरू की। प्रदर्शनकारी मुख्य सड़कों और चौराहों पर कचरा फेंक रहे हैं और सभी से ऐसा करने का आग्रह कर रहे हैं। रास्ते ब्लॉक करने के लिए मौन विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने ये अजीब तरीका निकाला और सड़कों पर कूड़ा एकत्र करना शुरू कर दिया।

(भाषा के इनपुट के साथ)

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