India China standoff: सेना की ललकार, चीन ने जंग थोपी तो सबक सिखाने के लिए हम पहले से तैयार बैठे हैं

Army warns China: सेना ने चीन को सीधे तौर पर ललकारा है। सीमा पर गत मई महीने से भारत और चीन के बीच शुरू हुआ विवाद अब अपने चरम पर पहुंच गया है। पूर्वी लद्दाख और एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।

Indian Army warns China this time indian troops are better prepared
सेना की ललकार, चीन ने जंग थोपी तो PLA का बुरा हाल करने के लिए हम तैयार बैठे हैं।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • सेना ने चीन को किया आगाह, कहा-गुस्ताखी की तो इस बार करेंगे बुरा हाल
  • अपने बयान में सेना ने कहा-पहले से तैयार बैठे हैं, इस बार सिखाएंगे कड़ा सबक
  • राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत शांति चाहता है लेकिन वह जंग के लिए भी तैयार है

नई दिल्ली : संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चेतावनी के एक दिन बाद सेना ने चीन को सीधे तौर पर आगाह किया है। सेना ने बुधवार को कहा कि चीन ने यदि जंग का माहौल बनाया तो उसे इस बार करारा सबक मिलेगा। चीन को खुले तौर पर चेतावनी देते हुए सेना ने कहा कि इस बार पीएलए का सामना पहले से तैयार, अच्छी तरह से प्रशिक्षित, तरोताजा और मानसिक रूप से पूरी तरह मजबूत भारतीय सेना के जवानों से होगा। पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर से होने वाली किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। सेना का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले मंगलवार को रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख एवं एलएसी के ताजा हालात की जानकारी संसद को दी। 

चरम पर पहुंच गया है भारत चीन के बीच तनाव
सीमा पर गत मई महीने से भारत और चीन के बीच शुरू हुआ विवाद अब अपने चरम पर पहुंच गया है। पूर्वी लद्दाख और एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। शीर्ष्ट कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर कई दफे की बातचीत के बावजूद हालात में बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में दोनों देशों के बीच टकराव होने की आशंका बढ़ गई है। गत 29-30 अगस्त की रात चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से अहम पहाड़ियों पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। इसके बाद सेना ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी इलाकों में कई चोटियों को अपने नियंत्रण में ले लिया। बताया जाता है कि इन चोटियों पर नियंत्रण कर लेने के बाद इस इलाके में भारतीय सेना ने चीन के ऊपर बढ़त ले ली है जिसके बाद चीन की बौखलाहट बढ़ गई है। 

सेना ने अपना लॉजिस्टिक सपोर्ट बढ़ाया
चीन के साथ टकराव की आशंका को देखते हुए सेना ने एलएस के अपने अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों के लिए अपना लॉजिस्टिक सपोर्ट बढ़ा दिया है। आने वाले महीनों में इस पूरे इलाके में बर्फबारी शुरू हो जाएगी। खराब एवं प्रतिकूल मौसम में चीन का सामना करने के लिए सेना पुरी तरह से मुस्तैद है। नवंबर महीने से लद्दाख का तापमान माइनस में पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसे देखते हुए सेना के जवानों को गर्म रखने के लिए विशेष कपड़े, उपकरण और हीटर पहुंचाए गए हैं।

जवानों के खाने के लिए उच्च पौष्टिकता वाले राशन पहले ही पहुंच गए हैं। सेना का मानना है कि चीन का इरादा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय तक टिके रहने का है जिसे देखते हुए उसने भी अपनी जवाबी तैयारी की है। पूर्वी लद्दाख में वायु सेना के परिवहन विमान सेना के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट पहुंचाने के लिए लगातार उड़ान भर रहे हैं। 

जवानों के लिए भेजे गए गर्म कपड़े एवं उपकरण
एलएसी पर सेना की इस तैयारी पर मेजर जनरल अरविंद कपूर ने मंगलवार को कहा, 'लद्दाख में भारतीय वाय सेना अहम भूमिका निभाती है। पिछले कुछ महीनों में उसने तेजी के साथ सैन्य टुकड़ियों को यहां पहुंचाया है। हमारे सिस्टम इतने अच्छे हो चुके हैं कि आज कई विदेशी देश हमारे सिस्टम को अपना चुके हैं। लद्दाख जैसी जगह में ऑपरेशनल लॉजिस्टिक बहुत मायने रखता है। पिछले 20 सालों में इसे हमने और बेहतर किया है। अग्रिम मोर्चों पर तैनात जवानों को अत्यंत पोषण युक्त राशन और गर्म कपड़े उपलब्ध कराया जा रहा है।' जवानों के रहने के लिए सेना की तरफ से छोटे और बड़े आकार वाले तंबू लगाए गए हैं। बड़े आकार वाले तंबू में दर्जन भर जवान और छोटे तंबू में एक जवान रह सकता है। 


 

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