नई दिल्ली:भारतीय रेलवे ने COVID-19 के कारण देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को सुनिश्चित करने के अपने प्रयास में, अपनी माल ढुलाई सेवाओं के माध्यम से खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को वितरित करना जारी रखा है ताकि कोरोना वायरस की चुनौतियों और प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन में सरकार के प्रयासों को मजबूत किया जा सके।
केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बनी रहे, इसके अलावा यह सुनिश्चित करना कि राज्य के भीतर कृषि उपज को बिना बाधा के ले जाया जाए।
लॉकडाउन की अवधि में रेलवे ने अनूठा काम दिया बताया जा रहा है कि पंजाब के ढंढारीकलां से असम के न्यू जलपाइगुड़ी तक दो इंजन सहित 88 डिब्बों की अन्नपूर्णा मालगाड़ी जो उत्तर रेलवे द्वारा संचालित है उसने तकरीबन 1634 किलोमीटर की ये दूरी ने 49 घंटे 50 मिनट में तय कर डाली क्योंकि इस दौरान उसे ट्रैक क्लियर मिल रहा है।
बताते हैं कि पहले यही डिस्टेंस तय करने में तकरीबन 80 से 90 घंटे के आसपास लग जाते थे ऐसा करके रेलवे ने इतिहास रच दिया है।
उत्तर रेलवे दिन-रात प्रयास कर मालगाड़ियों के जरिये वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।इस बीच केंद्र सरकार भी यह सुनिश्चित करने में लगी है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रखने के साथ-साथ कृषि उपज को भी विभिन्न राज्यों तक बिना किसी बाधा के पहुंचाया जाए।
इस बढ़ती हुई जरूरतों और मांग के मद्देनजर उत्तर रेलवे ने 5000 टन खाद्यान्न भार वाली लंबी दूरी की अन्नपूर्णा मालगाड़ियां चलाई हैं। ऐसी 25 अन्नपूर्णा मालगाड़ियां उत्तर रेलवे द्वारा देश के विभिन्न भागों के लिए चलाई जा रही हैं।
उत्तर रेलवे के मुताबिक, लॉकडाउन अवधि के दौरान उत्तर रेलवे ने अकेले 53 प्रतिशत खाद्यान्न का लदान किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे ने एक दिन में रिकॉर्ड 51 रैक का लदान किया, जो अब तक का एक दिन का सर्वाधिक लदान है। अब तक 15.75 लाख टन, खाद्यान्न भेजा गया है, जो कि पिछले वर्ष से 137 प्रतिशत अधिक है।
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