नई दिल्ली: पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे के पास ऊंचाई पर चीनी सेना द्वारा तैनात किए गए कैमरों और निगरानी उपकरणों की मौजूदगी के बावजूद भारतीय सेना की टुकड़ियां यहां कब्जा करने में सफल रहीं। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'चीनी सेना ने यहां ऊंचाई पर भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एडवांस कैमरे और निगरानी उपकरण तैनात किए हैं, लेकिन इसके बावजूद भारतीय सेना वहां ऊंचाई पर कब्जा करने में कामयाब रही।'
चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इस प्रकार के उपकरण लगाए हुए हैं। जब भी वे उनके द्वारा दावे किए गए क्षेत्रों में भारतीयों को गश्त करता पाते हैं, तो वे प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए उनका उपयोग करते हैं।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना ने इस ऊंचाई वाले इलाके पर कब्जा करने के बाद कैमरों और सर्विलांस उपकरणों को हटा दिया। भारतीय सैनिकों ने पहाड़ी चोटियों को अपने अधिकार में ले लिया है और चीनी चाहते हैं कि वे पीछे हट जाएं। चीन दावा करता रहा है कि ऊंचाई उनकी है और वह पैंगॉन्ग झील क्षेत्र के दक्षिणी किनारे और निकटवर्ती स्पंगुर गैप में एक खुले इलाके में लाभकारी स्थिति में पहुंचना चाहता था, जहां पर चीनी बख्तरबंद रेजिमेंट तैनात थे।
हाल ही में भारत और चीन की सेनाएं पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर आमने-सामने थीं, जहां चीनी करीब 450 सैनिक लेकर आए और यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। हालांकि भारतीय सेना ने उनके प्रयास को विफल कर दिया। चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने रस्सियों और अन्य चढ़ाई उपकरणों की मदद से पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिण तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच एक 'टेबल-टॉप' एरिया पर चढ़ना शुरू कर दिया। हल्ला-गुल्ला सुनकर भारतीय सेना सतर्क हो गई और कार्रवाई में जुट गई।
भारत ने क्षेत्र में बढ़ाई उपस्थिति
चीन की इस कोशिश के बाद भारतीय सेना ने झील के आसपास कई सामरिक स्थानों पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। इसके अलावा क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति को और अधिक बढ़ा दिया है। क्षेत्र में विशेष सीमा बल की एक बटालियन भी तैनात की गई थी। सूत्रों ने कहा कि वायु सेना को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चीन की बढ़ती हवाई गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। चीन ने होतन एयरबेस में लंबी दूरी की क्षमता वाले जे-20 युद्धक विमान और अन्य साजोसामान तैनात किए हैं। यह बेस पूर्वी लद्दाख से करीब 310 किलोमीटर दूर है। भारतीय वायुसेना ने पिछले तीन महीनों में अपने सभी महत्वपूर्ण युद्धक विमानों जैसे सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमान पूर्वी लद्दाख में प्रमुख सीमावर्ती हवाई ठिकानों और एलएसी के पास तैनात किए हैं।
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