प्रवासी मजदूर महेश जेना की दिलचस्प कहानी, साइकिल से तय की ओडिशा तक 1700 किमी की दूरी

देश
ललित राय
Updated Apr 27, 2020 | 08:58 IST

mahesh jena inspiring story: लॉकडाउन की वजह से इस समय प्रवासी मजदूरों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत है। अलग अलग दिशाओं से ऐसी जानकारियां आती हैं जो हैरान कर देती है, ऐसी ही एक कहानी ओडिशा के महेश जेना की है।

प्रवासी मजदूर महेश जेना की दिलचस्प कहानी, साइकिल से तय की ओडिशा तक 1700 किमी की दूरी
महेश जेना, प्रवासी मजदूर 
मुख्य बातें
  • महेश जेना मे सांगली से जाजपुर तक की 1700 किमी की दूरी 6 दिन में साइकिल से तय की
  • हर रोज 14 से 16 घंटा चलाते थे साइकिल, महाराष्ट्र में सुविधाओं में कमी का किया जिक्र
  • कोरोना से सबसे प्रभावित राज्य इस समय महाराष्ट्र है।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया के साथ साथ कोरोना के खिलाफ देश भी लड़ाई लड़ रहा है। अनदेखा वायरस आक्रमण कर रहा है और उससे बचने की कवायद में कई मोर्चों पर सरकारें मुकाबला कर रही है। लेकिन उसके बाद भी प्रवासी मजदूरों की दिक्कतें सभी सरकारों के सामने है। अभी हाल ही में आपने देखा होगा कि मुंबई से एक शख्स प्रयागराज पहुंचने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। वो शख्स प्याज और तरबूज का व्यापारी बनता है और तीन लाख खर्च कर अपने घर प्रयागराज पहुंचता है।

कुछ अलग है महेश जेना की कहानी
जाजपुर के महेश जेना की कहानी कुछ अलग है। वो भी महाराष्ट्र के सांगली में फंसा हुआ था, जब आवागमन के सभी रास्ते बंद हो गए तो उसे उम्मीद अपनी साइकिल में नजर आई। दूरी 1700 किमी की थी लक्ष्य आसान नहीं था। लेकिन महेश जेना ने ठान लिया था कि उसे ये तो दूरी तय किसी भी कीमत पर करनी है। एक अप्रैल को वो सांगली से अपनी मंजिल की तरफ निकल पड़ा और 6 दिन की यात्रा के बाद वो अपने घर जाजपुर(ओडिशा) पहुंच गया। 

1700 किमी की वो दूरी
महेश जेना बताते हैं कि उनके पास इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था। लॉकडाउन की वजह से सांगली में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। घर जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। उनके पास एक साइकिल थी वो सोचा करते थे लेकिन 1700 किमी की दूरी सोच कर सिहर जाते थे। लेकिन एक दिन हिम्मत जुटा कर सफर पर निकलने का फैसला किया। 1 अप्रैल को उनकी यात्रा शुरू हुई और हर एक दिन उन्होंने 14 से 16 घंटे साइकिल चलाई। रात के समय वो किसी मंदिर के पास सोते थे। 1 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा 7 अप्रैल को समाप्त हुई और वो अपने घर पहुंच चुके थे। 

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