कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेलवे की शानदार पहल, ट्रेन की बोगियों में बनाए आइसोलेशन वॉर्ड

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 28, 2020 | 12:35 IST

भारतीय रेलवे ने कोरोना के खिलाफ सरकार के प्रयासों में शानदार भागीदारी निभाई है। खाली पड़ी ट्रेन की बोगियों में आइसोलेशन वार्ड तैयार करने शुरू कर दिए हैं।

Isolation coaches have been prepared by the Indian Railways to fight the Coronavirus Pandemic.
ट्रेन की बोगियों में रेलवे ने बनाए शानदार आइसोलेशन वॉर्ड 
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के खिलाफ चले रहे अभियान में अब रेलवे भी आया सामने
  • रेलवे ने ट्रेन के डिब्बों में आइसोलेशन वार्ड तैयार करना शुरू कर दिया है
  • कुछ दिन पहले अमिताभ बच्चन ने भी शेयर किया थी इसी तरह का आइडिया

नई दिल्ली: कोरोना महामारी पर लगाम कसने के लिए रेलवे भी सरकार के प्रयासों में भागीदारी कर रहा है। दरअसल कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर सरकार को भी लगातार ये सुझाव मिल रहे थे कि जब ऐसे समय में रेलवे की सेवाएं भी स्थगित हैं तो क्यों ना रेलवे कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जाए। लोगों के सुझाव पर अमल कहें या रेलवे की अपनी पहल, अब ट्रेन के कोचों की जो तस्वीरें आई हैं वो कोरोना के खिलाफ जारी जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। 

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ट्रेन पर मरीजों के लिए बनाए गए बर्थ के पास मौजूद बीच की बर्थ और उसके सामने की तीनों बर्थों के हटाया गया है। बाथरूम आदि में भी मरीज की जरूरत के हिसाब से बदलाव किया गया है।

अमिताभ ने शेयर की थी पोस्ट

 रेलवे द्वारा जो आइसोलेशन वार्ड कोच में  तैयार किए गए हैं इनमें कोरोना के संदिग्धों को क्वारंटाइन के लिए रखा जाएगा और यहां उनके लिए हर सुविधा होगी जिनमें भोजन, दवाइयां और डॉक्टर जैसी बुनियादी सुविधा शामिल है। दरअसल कुछ दिन पहले ही बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने भी इसी तरह का एक सुझाव अपने ट्वीटर हैंडल पर साझा किया था और लिखा था कि मेरे इंस्टाग्राम पर कमेंट के रूप में बेहद उपयोगी विचार मिला।

क्या था विचार
दरअसल अमिताभ बच्चन ने जो स्क्रीन शॉट शेयर किया था उसमें लिखा गया, 'सभी सरकारी अमले को भेजा गया है। सभी रेल सेवाएं अभी स्थगित हैं और बोगियां खाली खड़ी पड़ी हैं। हर बोगी में 20 कमरे हैं जिनका उपयोग हो सकता है। भारत में 3 हजार ट्रेनों से आसानी से मदद ली जा सकती है जिसका मतलब है कि 60 हजार बेड को आइसोलेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि ये अस्पताल से बेहतर नहीं हो सकते हैं।'

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