कई राज्यों में टिड्डी दलों का प्रकोप, जयपुर में ड्रोन से रखी जा रही नजर 

देश
आलोक राव
Updated May 28, 2020 | 14:13 IST

Locust swarms attack in India: अब तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में टिड्डी दलों का ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है। आशंका जताई जा रही है कि ये दल आने वाले दिनों में यूपी में दाखिल हो सकते हैं।

 Jaipur: In a first, drone used to clear locust swarms in Chomu
टिड्डी दलों पर नजर रखने के लिए जयपुर में हुआ ड्रोन का इस्तेमाल। 
मुख्य बातें
  • राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में टिड्डियों ने फसलों को पहुंचाया नुकसान
  • राजस्थान और एमपी से लगे यूपी के सीमावर्ती जिलों में रखा गया है विशेष अलर्ट
  • कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इनके प्रकोप से खाद्य सुरक्षा पर संकट हो सकता है

नई दिल्ली : देश में पहली बार टिड्डी दलों के हमलों ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। इनके प्रकोप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के किसान परेशान हैं। टिड्डियों का खतरा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों पर भी बना हुआ है। राजस्थान में टिड्डियों ने बड़े पैमाने और फसलों एवं सब्जियों का नुकसान किया है। टिड्डी दल आगे फसलों को नुकसान न पहुंचा पाए इसके लिए उपाय शुरू हो गए हैं। जयपुर में इनके दल पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। राजस्थान में कुछ जगहों पर लोग थाली बजाकर खेतों से इन्हें भगाते पाए गए हैं।

जयपुर में हुआ ड्रोन का इस्तेमाल
टिड्डी दल के संकट पर कृषि विभाग के कमिश्नर डॉक्टर ओम प्रकाश चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि बुधवार को जयपुर में टिड्डी दलों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, 'ऐसे इलाके जो दुर्गम हैं और जहां लोगों का पहुंचना आसान नहीं है, उन इलाकों में टिड्डी दल पर नजर रखने के लिए हम ड्रोन का उपयोग करेंगे।' इन टिड्डी दलों ने पिछले कुछ दिनों में राजस्थान में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इनके प्रकोप से किसान त्रस्त हैं। खेतों में इनका झुंड न पहुंचे इसके लिए कई जगहों पर लोग थाली बजाकर उन्हें भगाते पाए गए हैं। बुधवार को धौलपुर इलाके में टिड्डियों के कई दल उड़ते पाए गए।

कई राज्यों में गंभीर हुई स्थिति
पाकिस्तान की तरफ से भारत में दाखिल हुए इन टिड्डियों के प्रकोप पर गंभीर चिंता जताई जा रही है। कृषि से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस समस्या पर यदि शीघ्र काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में समस्या खड़ी हो सकती है। टिड्डी दल जिस तरह से फसलों, सब्जियों एवं कृषि को नुकसान पहुंचा रहे हैं उससे खाद्यान्न की चेन प्रभावित हो सकती है और कृषि संकट खड़ा हो सकता है। सरकार टिड्डियों के संकट को देखते हुए सक्रिय है। केंद्र सरकार इनसे निपटने के लिए ईरान के साथ बातचीत कर रही है। बताया जा रहा है कि ये टिड्डी दल ईरान से पाकिस्तान और फिर भारत में दाखिल हुए हैं।

दिल्ली भी बन सकती है निशाना
अब तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में टिड्डी दलों का ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है। आशंका जताई जा रही है कि ये दल आने वाले दिनों में यूपी के कुछ जिलों और दिल्ली की तरफ बढ़ सकते हैं। इनसे निपटने के लिए स्थानीय कृषि विभाग ने तैयारी की है। कई जगहों पर फसलों एवं सब्जियों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया है। कृषि विभाग ने फसलों को बचाने के लिए किसानों से कहा है कि वे खेत के आस-पास घास-फूस जलाकर धुआं पैदा करें जिससे कि टिड्डियों का समूह खेत में न बैठ सके। 

कृषि विभाग उठा रहा कदम
झांसी मंडल के कृषि उपनिदेशक कमल कटियार ने का कहना है कि बुधवार रात गरौठा और मौठ इलाके में पहुंचे टिड्डी दल पर जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा रात भर किए गए कीटनाशक के छिड़काव एवं अन्य उपायों के जरिए लाखों की संख्या में टिड्डे मारे गए। उन्होंने बताया कि बची हुई टिड्डियों का एक छोटा दल इस वक्त झांसी के निकट पारीछा की ओर घूम रहा है, जिसे भगाने के एवं मारने के प्रयास किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान से सटे यूपी के जिलों में टिड्डी दलों के पहुंचने का खतरा बना हुआ है।

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