नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में पिछले दो महीने के दौरान आतंकियों ने खुलेआम आम लोगों को निशाना बनाया, जिसके बाद सवाल उठे कि आतंकी क्या यहां 1990 के दशक के दौर को दोहराना चाहते हैं? 'टारगेट किलिंग' के जरिये क्या वे यहां के लोगों में द्वेष पैदा करना चाहते हैं? इन हालातों के बीच सुरक्षा बलों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया और खुफिया सूचनाओं पर आधारित 'सर्जिकल ऑपरेशन' पर ध्यान केंद्रित किया।
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने बीते करीब एक महीने में आम लोगों की हत्या में शामिल लगभग सभी आतंकियों का सफाया कर दिया है। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए जो 'परिष्कृत' तरीका अपनाया, उससे घाटी में आतंकियों के साथ होने वाली मुठभेड़ों के दौरान निर्दोष लोगों को होने वाली आकस्मिक क्षति को कम करने में मदद मिली, जबकि आतंकियों का मकसद ही अधिक से अधिक लोगों को क्षति पहुंचाना होता है, ताकि स्थानीय लोगों में रोष भड़काया जा सके।
सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान जम्मू कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया। छोटी-छोटी टीम बनाकर 'खुफिया-आधारित सर्जिकल ऑपरेशंस' को अंजाम दिया गया।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के पाकिस्तान स्थित आकाओं ने उन्हें सुरक्षाबलों के आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान कम से कम 10 आम लोगों की हत्या के निर्देश दिए थे, ताकि स्थानीय लोगों में सुरक्षा बलों के प्रति रोष पैदा किया जा सके। ऐसे में सुरक्षा बलों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया और इस बात की कोशिश की कि आतंकवाद रोधी ऑपरेशंस के दौरान निर्दोष लोगों की जान न जाए। साथ ही आतंकियों के खिलाफ कार्रवाइयों के लिए स्थानीय आबादी से समर्थन प्राप्त करने की भी कोशिश की गई।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार को खारिज कर दिया है। कई स्थानों पर उन्होंने सुरक्षा बलों को मदद मुहैया कराई है।
यहां उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर को श्रीनगर के सफा कदल में एक राजकीय बाल उच्च माध्यमिक विद्यालय के अंदर दो शिक्षकों की हत्या के आरोपी आतंकी मेहरान यासीन शल्ला को सुरक्षा बलों ने 24 नवंबर को मार गिराया था। वहीं अनंतनाग में लिटार बस अड्डे के पास सहारनपुर निवासी सगीर अहमद अंसारी की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकी आदिल आह वानी को सुरक्षाबलों ने 20 अक्टूबर को शिरमल शोपियां में एक अभियान के दौरान मार गिराया। कुलगाम के वानपोह में 17 अक्टूबर को बिहार निवासी दो मजदूरों की हत्या और एक मजदूर को घायल किए जाने के लिए जिम्मेदार आतंकी गुलजार अहमद रेशी को सुरक्षा बलों ने 20 अक्टूबर को मार गिराया था।
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