श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार को आतंकवादियों ने एक सरपंच को गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकियों ने शाम छह बजे अनंतनाग जिले के लारकीपुरा इलाके के सरपंच और कांग्रेस नेता 40 वर्षीय अजय पंडित पर गोलीबारी की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके में घेराबंदी कर दी है और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पंडित पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे। फिलहाल, किसी भी आतंकी संगठन ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि हिंसा की कभी जीत नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'अजय पंडित के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना, जिन्होंने कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। दुःख की इस घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं। हिंसा कभी नहीं जीतेगी।'
उनके भाई विजय भारती ने जम्मू से फोन पर 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि उन्हें कभी कोई धमकी नहीं मिली। हमें नहीं पता कि उन पर हमला क्यों किया गया।'
2018 में जीता था सरपंच का चुनाव
पिछले साल नवंबर में सरपंच सैयद रफी एक सरकारी कर्मचारी शेख जहूर के साथ आतंकवादियों के हमले में मारे गए थे। यह हमला अनंतनाग जिले के हाकुरा गांव में हुआ था। JKPCC प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा कि पंडिता को 2018 में सरपंच चुनाव जीतने के लिए 51 वोट मिले थे। उनके चचेरे भाई और प्रतिद्वंद्वी जो भाजपा के उम्मीदवार थे, उन्हें केवल 10 वोट मिले। पंडिता ने अधिकारियों से अपने स्तर पर सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन मुझे लगता है, चूंकि वह भाजपा सरपंच नहीं थे, इसलिए उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई थी।
वहीं बीजेपी ने एक बयान जारी कर कहा कि हत्या पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों की जम्मू-कश्मीर में चल रही शांति प्रक्रिया को विफल करने का एक हताश प्रयास है।
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