नई दिल्ली: एनआईए ने अदालत को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में यहां प्रदर्शनों के दौरान आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार एक कश्मीरी महिला कोरोना संक्रमित है, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष हिना बशीर बेग, उसके पति जहांजैब सामी और अब्दुज बासित को चार जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आवेदन के साथ हिना की मेडिकल रिपोर्ट जमा की और बताया कि तिहाड़ जेल में स्थनांतरित करने से पहले की गई कोविड-19 जांच में उसके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
एलजेपी अस्पताल में भर्ती
एक पन्ने के आदेश में न्यायाधीश ने आरोपियों को चार जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिये उनकी पेशी हुई। हालांकि, अदालत ने हिना बशीर बेग को इलाज के लिए लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में फौरन भर्ती कराने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि उपचार पूरा होने के बाद वह चार जुलाई तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में रहेगी। अदालत ने एनआईए को न्यायिक हिरासत से संबंधित कागजों के साथ मेडिकल रिपोर्ट भी तिहाड़ जेल अधीक्षक को भेजने का निर्देश दिया ताकि इलाज के दौरान अस्पताल में हिरासत के लिए वह तुरंत कदम उठा सके।
मार्च में हुई थी गिरफ्तार
तीनों आरोपियों के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के साथ कथित तौर पर संबंध हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने मार्च को गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें 23 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस ने जब इस मामले में बासित को गिरफ्तार किया, तब वह एक अन्य मामले में पहले से जेल में था, जिसकी जांच एनआईए कर रही है। बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया।
तिहाड में है बंद
एनआईए ने 20 मार्च को आईपीसी की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश रचने), 124 (ए) (देशद्रोह)और 153 (ए) (दंगा के लिये उकसाने) के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीपीए) की संबद्ध धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया था। एनआईए ने बाद में यहां एक विशेष अदालत का रुख कर तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिये हिरासत में सौंपने की मांग की थी, जिसे न्यायाधीश ने 20 मई को 10 दिनों की अवधि के लिये इजाजत दे दी। साथ ही, तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह उनकी कोविड-19 जांच कराने के बाद उन्हें एनआईए की हिरासत में सौंप दें तथा यह सुनिश्चित करें कि रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो।
ये है आरोप
एनआईए ने उन्हें 29 मई को रिमांड में लिया था। हिरासत की अवधि रविवार को समाप्त हो गई। जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) की विचारधारा का प्रसार करने और भारत में आतंकवादी हमले करने की साजिश रच रहे थे। वे आईएसकेपी के लिए लोगों की भर्ती भी कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने इससे पहले कहा था, ‘एक ऑडियो संदेश में अब्दुल बासित ने जहांजैब से कहा कि वह कुछ ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करें जो अकेले ट्रक या लॉरी से रौंदकर लोगों को मार सकें।’
मांगी थी अंतरिम जमानत
पुलिस के मुताबिक तीनों ने अबू उस्मान अल कश्मीरी से संपर्क किया किया जो आईएसकेपी के भारतीय मामलों का प्रमुख है। इस बीच, बेग के वकील एम एस खान ने एक अर्जी देकर उसे दो महीने के लिये अंतरिम जमानत देने की मांग की। उसके वकील ने कहा, ‘‘दिल्ली कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिये संघर्ष कर रही है और सरकारी अस्पतालों में उपयुक्त इलाज की सुविधाओं का अभाव है। उल्लेखनीय है कि अदालत के निर्देश पर तीनों आरोपियों की कोविड-19 जांच छह जून को की गई थी जबकि उनकी 10 दिन की एनआईए हिरासत रविवार को समाप्त हुई।
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