तक्षशिला : तक्षशिला कभी दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी के रूप में ख्यात थी, जहां दुनियाभर से छात्र पढ़ने पहुंचते थे। आजादी से पहले तक यह अविभाजित भारत में था, लेकिन 1947 में विभाजन के बाद यह पाकिस्तान में चला गया। यह जगह सिर्फ शैक्षणिक रूप से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अहम है, जहां बौद्ध संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। लेकिन यह प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है। इस प्रशासनिक उदासीनता को दूर करने और यहां बौद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए अब जापान आगे आया है।
जापान ने पाकिस्तान को तक्षशिला में प्राचीन बौद्ध स्थलों के संरक्षण व पुनर्नवीनीकरण को लेकर मदद देने की पेशकश की है। यह पेशकश जापान के उप विदेश मंत्री कानासुंगी केंजी के पाकिस्तान दौरे के दौरान की गई। इसके तहत जापान ने तक्षशिला संग्रहालय व शहर के प्राचीन बौद्ध स्थलों को संरक्षित रखने के लिए पाकिस्तान को टेक्नीकल सहायता की पेशकश की है।
जापान ने सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए पाकिस्तान को हर तरह से मदद देगा और आगे भी इसे जारी रखेगा। बौद्ध स्थलों के संरक्षण के लिए जापान, पाकिस्तान को करोड़ों रुपये की मदद देने के साथ-साथ इस संबंध में रिसर्च और ऐसी अन्य सुविधाएं देने की भी बात कही।
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