नई दिल्ली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान 8 घंटे तक 25 किलोमीटर पैदल चलकर एक शव को परिजनों के हवाले करते हैं। 30 साल का भूपेंद्र राणा ITBP में कुली का काम करते था। शुक्रवार, 28 अगस्त को राणा भूस्खलन की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। ये घटना उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की है। आईटीबीपी ने ट्वीट कर कहा, 'देश सेवा में सदैव समर्पित हिमवीर।'
ITBP ने कहा, '14वीं बटालियन आईटीबीपी के जवान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के दूरदराज के इलाके में एक स्थानीय व्यक्ति के शव को मृतक के परिवार के सदस्यों को सौंपने के लिए 25 किलोमीटर (8 घंटे) की दूरी तक पैदल चले।'
मृतक के दोस्तों ने हादसे के बारे में परिवार को सूचित किया, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के कारण शव को नहीं ले जा सके। राणा के परिवार ने अनुरोध किया जिसे ITBP ने मान लिया। लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर 25 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ जिले के मवानी-दवानी में पहाड़ी पर शव को नहीं ले जा सका।
तब आईटीबीपी के सात जवानों ने शव को अपने कंधों पर उठा लिया और पैदल चल दिए। राणा अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गया है। पिथौरागढ़ के जिला मजिस्ट्रेट विजय कुमार जोगदंडे ने कहा, 'राणा के परिवार ने एक हेलिकॉप्टर की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था, लेकिन मौसम ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसलिए, हम आईटीबीपी पहुंचे और उन्होंने बगदियार से मुनस्यारी में शव ले जाने के लिए सात कर्मियों को तैनात किया।'
इन जवानों ने 25 किलोमीटर चल शव को लीलम गांव तक पहुंचाया। अगली सुबह ITBP की जीप से शव को मुनस्यारी पहुंचाया। 30 अगस्त को यह पिथौरागढ़ में राणा के पैतृक गांव में ले जाया गया। यहां 31 अगस्त को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
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