विमानों से मजदूरों को वापस ला रही झारखंड सरकार, लेह से 60 श्रमिकों को किया जा रहा एयरलिफ्ट

देश
लव रघुवंशी
Updated May 29, 2020 | 13:06 IST

Jharkhand: लॉकाडाउन के कारण लेह में फंसे 60 मजदूरों को झारखंड सरकार विमान से वापस ला रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की पूरी कवायद पर नजर रखी।

migrant laborers
लॉकडाउन के चलते लेह में फंसे मजदूर 
मुख्य बातें
  • लेह से 60 मजदूरों को वापस ला रही है झारखंड सरकार
  • मजदूरों ने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री से उन्हें वापस लाने की अपील की
  • मुंबई से झारखंड के 180 मजदूरों को विमान से लाया गया वापस

नई दिल्ली: जहां एक तरफ मजदूरों की ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं कि वो सड़कों पर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर ही अपने-अपने गृह राज्यों की ओर चल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ झारखंड सरकार ने अपने मजदूरों के लिए बड़ा दिल दिखाया है। लेह में फंसे अपने राज्य के मजदूरों को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एयरलिफ्ट कर रहे हैं। उन्हें फ्लाइट से लेह से रांची लाया जा रहा है। लॉकडाउन होने के बाद मजदूर लेह में फंसे हुए थे और उनके पास काम भी नहीं बचा था, तो उन्होंने गृह राज्य वापस लाने के लिए अनुरोध किया।

हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा, 'हम अपने प्रवासी कामगारों को सुरक्षित घर लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार 60 श्रमिकों को वापस ला रही है, जो बटालिक- कारगिल, लेह में फंसे हुए थे।'

ट्विटर पर मजदूरों ने मांगी थी मदद

10 मई को मजदूरों ने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री से उन्हें वापस लाने की अपील की थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने प्रक्रिया शुरू की। सीएम सोरेन ने व्यक्तिगत रूप से लद्दाख प्रशासन से उन्हें सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, जबकि राज्य उनकी वापसी की व्यवस्था कर रहा था। तब उड़ान की अनुमति के लिए एक पत्र केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद लद्दाख, अंडमान और उत्तर पूर्वी राज्यों से श्रमिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए सोरेन द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजा गया। इस पत्र का भी कोई जवाब नहीं आया।

हेमंत सोरेन रख रहे नजर

लेकिन हवाई सेवा फिर से शुरू होने के बाद टीम ने फंसे श्रमिकों को मैप किया और लेह के गोरगोदोह गांव में अटके दुमका जिले के 60 प्रवासियों के लिए एक उड़ान बुक की। गुरुवार को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को चेक किया गया, थर्मल जांच की गई और बीआरओ द्वारा लेह पहुंचाया गया। सूत्रों ने कहा कि सोरेन ने मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की पूरी कवायद पर नजर रखी। इस पर सरकार का लगभग 8 लाख रुपए का खर्चा आया।

अब तक कुल 7.5 लाख पंजीकृत श्रमिकों में से लगभग 4 लाख को विभिन्न तरीकों से राज्यों में वापस लाया जा चुका है। सूत्रों ने कहा कि सोरेन सरकार अंडमान और निकोबार द्वीप से लगभग 320 श्रमिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए काम कर रही है। 

मुंबई से आए 180 मजदूर

इससे पहले झारखंड के करीब 180 प्रवासी श्रमिक गुरुवार को मुंबई से हवाई मार्ग से यहां पहुंचे। झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुंबई में फंसे झारखंड के करीब 180 प्रवासी मजदूर आज सुबह एयर एशिया की उड़ान से अपने राज्य लौट आए हैं। उन्होंने दावा किया कि लॉकडाउन के बाद यह देश में पहला मौका है, जब प्रवासी मजदूरों को विमान से अपने राज्य वापस लाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयासों से मजदूरों को हवाई मार्ग से उनके पैतृक राज्य लाया जा सका। 

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