नई दिल्ली: मध्यप्रदेश की सियासत इन दिनों सुर्खियों में हैं। यह राजनीति दो पार्टियों के बीच की नहीं बल्कि सत्ताधारी दल का आंतरिक संघर्ष ही चर्चा का विषय है। कांग्रेस के अंदर दो धड़े दिख रहे हैं। एक दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का और दूसरा है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का। वैसे तो तकरार राज्य में कांग्रेस सरकार बनने से अब तक लगातार रह रहकर दिख रही है लेकिन हाल में सिंधिया और कमलनाथ से बीच कर्जमाफी और गेस्ट टीचर को लेकर तल्खी देखने को मिल रही है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में जो बातें घोषणा पत्र में कही थीं उन्हें लागू करने की दिशा में वह आगे नहीं बढ़ रही है। यही नहीं उन्होंने इसके विरोध में सड़क पर उतरने की बात भी कही। अब कमलनाथ सरकार में एक कैबिनेट मंत्री ने सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया दी है और साथ ही कांग्रेस नेता को नसीहत भी दी है।
मध्यप्रदेश में मंत्री गोविंद सिंह ने राज्य सरकार के किसानों से कर्ज माफी का वादा पूरा न करने को लेकर सड़क पर उतरने की ज्योतिरादित्य सिंधिया की टिप्पणी पर बोलते हुए कहा, 'जो कोई भी सड़कों पर उतरना चाहता है, वह कर सकता है। राज्य सरकार ने 5 सालों में अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है, 1 वर्ष में नहीं।'
आगे उन्होंने कहा, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। जो काम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को राज्य की जनता ने दिया है, वह हमारी पार्टी के नेताओं को नहीं करना चाहिए।'
बोले कमलनाथ: ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर जब कमलनाथ से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने भी कम शब्दों में नहले पर दलहा मार दिया। कमलनाथ से जवाब सवाल करते हुए कहा गया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा पत्र पूरा नहीं करने पर सड़क पर उतरने की बात कही है तो मध्यप्रदेश के सीएम ने कहा- 'तो उतर जाएं।'
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