नई दिल्ली: 28 अगस्त को हरियाणा के करनाल में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान करनाल के SDM आयुष सिन्हा ने पुलिस को लाठीचार्ज कर किसानों को रोकने के आदेश दिए थे और साथ ही कहा था कि अगर जरूरत पड़े तो किसानों के सिर फोड़ दो लेकिन किसानों को हटाना है। इसका वीडियो वायरल हुआ और उनका जमकर विरोध होने लगा। अब करनाल DM ने इस संबंध में बयान दिया है।
करनाल के डीएम निशांत यादव ने कहा, 'कुछ शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए था। मैं करनाल प्रशासन के प्रमुख के रूप में खेद व्यक्त करता हूं। लेकिन ड्यूटी पर तैनात एसडीएम ईमानदार अफसर हैं। उन्होंने उस समय कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था, पर उसकी मंशा गलत नहीं थी। उन्होंने पुलिस बल से कहा कि अगर प्रदर्शनकारी उनके स्थान पर पहुंचते हैं, तो वे तब तक 2 नाके तोड़ चुके होंगे और अगर उन्होंने उनका नाका पार किया, तो वे तोड़फोड़ करेंगे। इसलिए उन्हें अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनसे बात करने की जरूरत है और अगर कोई नहीं समझता है, तो डंडों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि मीडिया में जो चला वो टेलर्ड वर्जन था। पूरी ब्रीफिंग प्रस्तुत नहीं की गई थी कि उन्होंने पुलिस बल को ठीक से कैसे बताया, जहां उन्होंने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी वहां पहुंचते हैं, तो उन्हें रोका जाएगा, बात की जाएगी और यदि वे नहीं करते हैं, तो बल का इस्तेमाल किया जाएगा क्योंकि उनके नाके के बाद कोई बल नहीं है।
CM ने भी किया बचाव
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी कहा, 'अधिकारी के शब्दों का चयन गलत था। प्रशासन मामले की जांच करेगा। उन्हें ऐसे शब्द नहीं बोलने चाहिए थे, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती की जरूरत थी।'
SDM पर हो कार्रवाई: किसान
इस बीच किसान महापंचायत में किसानों ने खट्टर सरकार को दोषी SDM पर 6 सितंबर तक कार्रवाई करने को कहा है। किसानों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर मांग नहीं मानी गई तो 6 सितंबर से घेराव का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। किसानों का कहना है कि एसडीएम पर कार्रवाई नहीं होगी तो उनका आंदोलन और तेज होगा।
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