तिरुवनंतपुरम: केरल में पिछले चार दशक में सत्ता की अदला-बदली का चलन देखने को मिला है, लेकिन इस बार बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
राज्य में सत्ता पर काबिज वामदलों की अगुवाई वाला गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) एक बार फिर वापसी करते हुए नजर आ रहा है। वहीं, कांग्रेस नीत यूडीएफ काफी पिछड़ गया है। केरल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं और रुझानों में एलडीएफ 140 में से 85 सीटों पर आगे है। दूसरी ओर, यूडीएफ 44 और भाजपा की अगुवाई वाला राजग तीन सीटों पर आगे चल रहा है। बतां दे कि एलडीएफ ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था।
पिनराई विजयन 13,000 से अधिक मतों से आगे
ताजा आंकड़ों के अनुसार, वाम मार्चा 14 जिलों में से 10 में अपने प्रतिद्वंद्वियों से कहीं आगे है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कन्नूर के धर्मादम निर्वाचन क्षेत्र में अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी से 13,000 से अधिक मतों से आगे हैं। उनके मंत्रिमंडल के कम से कम चार सहयोगी टी पी रामकृष्णन (पेरांबरा), एम एम मणि (उदुबनचोला), के. कृष्णकुट्टी (चित्तूर), और कडनपल्ली रामचंद्रन (कन्नूर) ने जीत दर्ज कर ली है लेकिन निर्वाचन आयोग ने अभी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। राज्य के मंत्री के के शैलजा, ए सी मोइदीन और के. सुरेंद्रन आगे चल रहे हैं जबकि जे मर्सीकुट्टी अम्मा शुरुआत से ही पीछे चल रहे हैं।
रमेश चेन्नीथला, ओम्मन चांडी आगे चल रहे हैं
रमेश चेन्नीथला, ओम्मन चांडी, टी राधाकृष्णन और पी टी थॉमस समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आगे चल रहे हैं। चांडी को उनके गढ़ पुथुपल्ली में मिले मतों में गिरावट ने कांग्रेस खेमे को हैरत में डाल दिया है। वह पिछले 50 वर्षों से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, चांडी अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और छात्र नेता जैक सी थॉमस से दोपहर एक बजे तक महज 2,805 मतों से आगे चल रहे हैं।nपलक्कड में भाजपा ने बढ़त कायम रखी है जहां उसने ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन को उम्मीदवार बनाया था। श्रीधरन (88) अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और दो बार के विधायक शफी परामबिल से 4,000 से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं।
सुरेंद्रन दोनों सीटों पर शुरुआत से ही पीछे
वरिष्ठ भाजपा नेता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन तथा अभिनेता से राज्यसभा सदस्य बने सुरेश गोपी क्रमश: नेमोम तथा त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से आगे चल रहे हैं। बहरहाल भाजपा की केरल ईकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन मंजेश्वरम और कोन्नी दोनों सीटों पर शुरुआत से ही पीछे चल रहे हैं। उन्होंने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा के अन्य नेता शोभा सुरेंद्रन, एम टी रमेश और पी के कृष्णदास अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में करीबी प्रतिद्वंद्वियों से काफी पीछे चल रहे हैं।
केरल कांग्रेस (एम) प्रमुख जोस पीछे चल रहे
केरल कांग्रेस (एम) प्रमुख जोस के मणि पाला में पीछे चल रहे हैं। मौजूदा विधायक मणि सी कप्पन पाला में 10,000 मतों से आगे चल रहे हैं।
ईसाई बहुल मध्य केरल में गहरी पैठ रखने वाली केसी (एम) ने हाल ही में विपक्षी दल यूडीएफ से दशकों पुराने अपने संबंध तोड़ लिए थे और एलडीएफ में शामिल हो गई थी। रेवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) नेता टीपी चंद्रशेखरन की विधवा के के रामा का कोझीकोड जिले के वडकरा से बढ़त बनाना भी माकपा नीत मोर्चे के लिए एक झटका है।
भाषा इनपुट के साथ
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