नई दिल्ली: देश के लोगों को जल्द ही कोरोना वायरस वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। सरकार ने तय कर लिया है कि किसे पहले और किसे बाद में वैक्सीन दी जाएगी। वैक्सीन को लेकर कई सवाल हैं जो लोगों के मन में बने हुए हैं। इन ही सवालों में से एक सवाल है कि क्या कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनको वैक्सीन नहीं दी जाएगी?
'आकाशवाणी समाचार' के अनुसार, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की डॉ. अपर्णा अग्रवाल ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'कुछ ऐसे समूह हैं, जिन पर वैक्सीन की टेस्टिंग नहीं हुई है। उनमें पहले समूह है गर्भवती महिलाओं का, दूसरा समूह बच्चों का है, जिन पर हाल ही में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हुआ है। तीसरा समूह है, वो माएं जो अपने शिशु को स्तनपान करा रही हैं। उनके जरिए बच्चों में कोई असर नहीं हो, इसलिए ऐसी महिलाओं को फिलहाल वैक्सीन नहीं दी जाएगीष अगले चरण में जैसे-जैसे टेस्टिंग होंगी, रिसर्च होंगे, उनके परिणाम देखने के बाद ही उनको वैक्सीन दी जाएगी।'
एक और सवाल है कि क्या जिनको कोविड हुआ था और वो ठीक भी हो गए, तो उनको वैक्सीन लगवानी है?
इसके जवाब में डॉ. अपर्णा का कहना है, 'जिनको कोरोना हो चुका है, उनके एंटीबॉडी लेवल को बिना टेस्ट किए उन्हें वैक्सीन से वंचित नहीं कर सकते हैं। ऐसा हो रहा है कि कई लोगों में बहुत अच्छी मात्रा में एंटबॉडी बनते हैं, कई में बहुत कम मात्रा में, कइयों में जिनको कोरोना हुआ है, उनमें एंटीबॉडी डिटेक्ट नहीं हो रहे हैं, हो सकता है क उनमें मेमोरी सेल हों और वो दोबारा संक्रमित नहीं हों, लेकिन उसकी अभी तक रिसर्च नहीं है, इसलिए अभी तक की योजना के मुताबिक सबको वैक्सीन दी जानी है।'
कब आएगा आम आदमी का नंबर?
वैक्सीन के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वॉरियर्स, रक्तचाप, मधुमेह या दिल के मर्ज से ग्रसित वृद्ध लोगों को और फिर 50 साल से कम उम्र के लोग, जिन्हें कोई बीमारी है, उनको दी जाएगी। इसमें पंजीकरण की प्रक्रिया है। पंजीकृत लोगों को बताया जाएगा कि उन्हें कब और कहां वैक्सीन लगवाने जाना है। उम्मीद की जा रही है कि अगले चार से छह महीने में हाई रिस्क ग्रुप को वैक्सीन मिल जाएगी। उसके बाज बाकी के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
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