सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के 22 दिन, दाढ़ी-बाल बनाने कुरुक्षेत्र से पहुंचे सैलून मालिक

देश
Updated Dec 17, 2020 | 16:41 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के दाढ़ी-बाल बनाने के लिए कुरुक्षेत्र से एक सैलून मालिक यहां पहुंचे हैं, जो सिंघु बॉर्डर पर उन्‍हें नि:शुल्‍क सेवा मुहैया करा रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के 22 दिन, दाढ़ी-बाल बनाने कुरुक्षेत्र से पहुंचे सैलून मालिक
सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के 22 दिन, दाढ़ी-बाल बनाने कुरुक्षेत्र से पहुंचे सैलून मालिक  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की वार्ता का भी अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द क‍िए जाने की मांग कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड के बावजूद जिस तरह किसान अपनी मांगों को लेकर राष्‍ट्रीय राजधानी में डेरा जमाए हुए हैं, जिनमें बुजुर्ग व महिलाएं भी शामिल हैं, उनकी मदद के लिए बहुत से संगठन आगे आ रहे हैं। कुरुक्षेत्र में एक सैलून चलाने भी हैं, जिन्‍होंने किसानों की मदद के लिए अनूठा तरीका अपनाया है।

कुरुक्षेत्र में सैलून चलाने वाले इस शख्‍स ने वहां अब अपनी दुकान बंद कर दी है और दिल्‍ली में उस जगह पहुंच गए, जहां किसान अपने हकों को लेकर आवाज बुलंद किए हुए हैं। हरियाणा के यह सैलून मालिक अब सिंघु बॉर्डर पर अपनी सेवा दे रहे हैं, जहां किसान पिछले 22 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सिंघू बॉर्डर पर किसानों की सेवा करने पहुंचे इस शख्‍स ने कहा, 'मैं कुरुक्षेत्र में जब सैलून चलाता था, मेरे 90 फीसदी ग्राहक किसान ही थे। मैंने वहां अपनी दुकान बंद कर दी और यहां मैं किसानों को समर्थन देने पहुंचा हूं। मैं यहां तब तक उन्‍हें सेवा मुहैया कराता रहूंगा, जब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।' वह किसानों को यहां नि:शुल्‍क सेवा मुहैया करा रहे हैं।

किसान आंदोलन के 22 दिन

यहां उल्‍लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चौथे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। हजारों किसान सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर पर जमे हुए हैं, जिससे हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश के विभिन्‍न हिस्‍सों को दिल्‍ली को जोड़ने वाले जाने वाले कई मार्ग बंद हैं। किसानों का आंदोलन सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। शीर्ष अदालत ने गतिरोध को सुलझाने के लिए समिति गठित करने की बात कही है, जिसमें दोनों पक्षों के प्रतिनिधि होंगे। किसानों के प्रदर्शन को गुरुवार को 22 दिन हो गए हैं।

इस बीच किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल बीजेपी दफ्तर में चर्चा के लिए पहुंचे हैं। यहां पार्टी के महासचिवों के साथ ही उनकी चर्चा होगी।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर