नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बीते करीब डेढ़ साल से मौजूद तनाव के बीच भारत और चीन ने जल्द ही अगले दौर की सैन्य वार्ता के लिए सहमति जताई है, जिसमें संघर्ष के क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह पीछे हटाने पर जोर होगा। दोनों देशों के बीच यह 14वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता होगी। इससे पहले दोनों देश 13 दौर की सैन्य वार्ता कर चुके हैं, लेकिन अब तक विवाद का समाधान निकल नहीं पाया है।
भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ताओं के बाद तनाव की स्थिति में हालांकि कमी आई है, लेकिन यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और न ही LAC पर सामान्य स्थिति बहाल हो पाई है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में जानकारी दी गई है और कहा गया है, सीमा मामलों पर विचार-विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र (WMCC) की वर्चुअल बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर स्थिति को लेकर गहनता से चर्चा की।
इस बैठक में भारत और चीन के बीच 10 अक्टूबर को हुए 13वें दौर की सैन्य स्तरीय वार्ता के बाद के घटनाक्रमों की समीक्षा की गई। इसमें आपसी विवादों के निपटारे के लिए अगले दौर की सैन्य स्तरीय वार्ता आयोजित करने पर सहमति बनी। मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'इस बात पर सहमति बनी कि वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉल के अनुरूप पश्चिमी सेक्टर में LAC पर संघर्ष के सभी क्षेत्रों से सेना को पीछे हटने के उद्देश्य से जल्द ही वरिष्ठ सैन्य कमांडर अगले दौर (14वें) की बैठक करेंगे।'
यहां उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र को आधिकारिक रूप से पश्चिमी सेक्टर कहा जाता है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, WMCC की बैठक में दोनों पक्षों ने जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने और किसी अप्रिय घटना से बचने को लेकर भी सहमति जताई। इसमें सितंबर में दुशांबे में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की बैठक के दौरान बनी इस सहमति पर भी जोर दिया गया कि पूर्वी लद्दाख में LAC से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत जारी रखी जाए।
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