Lakhimpur Kheri case: आशीष मिश्र गिरफ्तार, प‍ुलिस का आरोप- जांच में नहीं कर रहे सहयोग [Video]

Ashish Mishra arrested: यूपी के लखीमपुर खीरी में 3 अक्‍टूबर को हुई हिंसा के सिलसिले में मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद आशीष मिश्र की गिरफ्तारी हुई है।

Lakhimpur Kheri case: आशीष मिश्र गिरफ्तार, प‍ुलिस का आरोप- जांच में नहीं कर रहे सहयोग
Lakhimpur Kheri case: आशीष मिश्र गिरफ्तार, प‍ुलिस का आरोप- जांच में नहीं कर रहे सहयोग 
मुख्य बातें
  • लखीमपुर खीरी हिंसा केस में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर लिया है
  • आशीष मिश्र को 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है
  • जांच अधिकारियों का कहना है कि वे आशीष मिश्र के जवाब से संतुुष्‍ट नहीं थे

लखनऊ : उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के सिलसिले में मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कई घंटों की पूछताछ के बाद यह गिरफ्तारी हुई है। पुलिस का कहना है कि आशीष मिश्र जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। SIT उनके जवाब से संतुष्‍ट नहीं थी।

आशीष मिश्र पूछताछ को लेकर दूसरी नोटिस मिलने के बाद शनिवार को यूपी पुलिस की क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश हुए, जहां कई घंटों तक उनसे पूछताछ की गई और आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। आशीष मिश्र से पूछताछ शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे शुरू हुई थी, जिसके बाद देर रात करीब 11 बजे के आसपास उन्‍हें गिरफ्तार किया गया।

जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप

आशीष मिश्र को लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्‍य आरोपी बताया जा रहा है। पुलिस ने शनिवार को आशीष मिश्रा से कई सवाल पूछे। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्र से पूछताछ के लिए पुलिस ने 40 सवालों की एक लिस्‍ट तैयार की थी। वह पुलिस को अपने जवाबों से संतुष्‍ट नहीं कर पाए, जिसके बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। 

लखीमपुर खीरी मामले में पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष DIG उपेंद्र अग्रवाल ने इस संबंध में कहा, 'लंबी पूछताछ के बाद हमने पाया कि वे (आशीष मिश्रा) सहयोग नहीं कर रहे। इसलिए हम उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं। उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।'

सुप्रीम कोर्ट ने किए थे तल्‍ख सवाल

केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए हुए था। किसान संघों ने भी केंद्रीय मंत्री को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा था कि उनके पद पर रहते हुए इस मामले की निष्‍पक्ष जांच नहीं हो सकती। वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए यूपी सरकार से सवाल किया था कि अगर इसी तरह की संगीन धाराएं किसी अन्‍य व्‍यक्ति पर होतीं तो क्‍या तब भी उसे गिरफ्तार करने में इतनी देर होती?

आशीष मिश्र की अब गिरफ्तारी को लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्‍योंकि यह कार्रवाई घटना के पांच दिन बाद हुई है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि इतना समय किसी भी मामले में साक्ष्‍य मिटाने के लिए काफी होता है।  बीजेपी जहां यूपी पुलिस की इस कार्रवाई पर सरकार के 'निष्‍पक्ष न्‍याय' की बात कह रही है, वहीं विपक्ष के तेवर अब भी आक्रामक बने हुए हैं। वे मामले में मुख्‍य आरोपी की गिरफ्तारी में देरी और केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्र के पद पर बने रहने के दौरान 'निष्‍पक्ष' जांच को लेकर सवाल रहे हैं।

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