केंद्र ने अब राज्य सरकारों को दिया अधिकार, तय कर सकेंगी रेड-ऑरेंज और ग्रीन जोन

देश
लव रघुवंशी
Updated May 18, 2020 | 09:32 IST

Red, Orange and Green Zone: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब लॉकडाउन 4 लागू हो चुका है। केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को ऑरेंज और ग्रीन जोन बनाने का अधिकार दिया है।

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देश में अब लॉकडाउन 31 मई तक  |  तस्वीर साभार: AP

नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो चुका है। इसे अब 31 मई तक बढ़ाया दिया गया है। खास बात यह है कि पहले के तीन जोन यानि रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के साथ ही बफर जोन का भी जिक्र किया गया है। सख्ती के बीच अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए कई रियायतें भी दी गई हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब राज्य सरकारें/केंद्रशासित प्रदेश अपने-अपने राज्यों में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन निर्धारित कर सकती हैं। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर जिला प्रशासन अपने यहां रेड और ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट और बफर जोन चिह्नित करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने ये मांग की थी कि राज्य सरकारों को ये अधिकार दिया जाए कि वो तय करें कि कौन सा जिला रेड जोन होगा और कौन-कौन से जिले ऑरेंज और ग्रीन जोन में होंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए राज्यों को आगे अधिक शक्ति दी जाएगी।

इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा ही रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में आने वाले जिलों को निर्धारित किया गया था और उसी के अनुसार लॉकडाउन में छूट दी गई थी। इसके अलावा राज्यों की परस्पर सहमति से अंतरराज्यीय यात्री वाहनों, बस सेवाओं की आवाजाही को अनुमति दी जा सकती है। राज्य सरकार कंटेनमेंट जोन के बाहर अन्य सभी गतिविधियों की अनुमति दे सकती हैं। कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।

गृह मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि विशेष रूप से प्रतिबंधित गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है। जिला अधिकारियों से कहा गया है कि वे सभी को मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप्लिकेशन इंस्टॉल करने और नियमित रूप से ऐप पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति को अपडेट करने की सलाह दें। इससे उन व्यक्तियों को समय पर चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी जो जोखिम में हैं। 

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