मुंबई : कोविड-19 से निपटने में विपक्ष के 'अक्षमता' का आरोप झेलने वाली उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली गठबंधन सरकार की बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार में शामिल सहयोगी दलों की एक बैठक बुलाई है। समझा जाता है कि इस बैठक में राज्य में कोविड-19 की स्थिति और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। महाराष्ट्र कोरोना वायरस से बुरी तरह चपेट में है। देश में कोविड-19 के सर्वाधिक मामले इसी राज्य में आए हैं। इस महामारी की बढ़ती संख्या पर रोक नहीं लगने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य सरकार पर लगातार निशाना साध रही हैं। राज्य में कोविड-19 की स्थिति खराब होने के बीच पक्ष एवं विपक्ष के कई नेताओं की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाई है। भाजपा नेता नारायण राणे ने राज्यपाल से मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
बताया जाता है कि कोविड-19 पर नियंत्रण पाने के उद्धव सरकार का जो रवैया है उससे गठबंधन सरकार के सहयोगी दल भी खुश नहीं है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान को इससे जोड़कर देखा जा सकता है। राहुल ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र की सरकार में उनकी पार्टी शामिल जरूर है लेकिन वह राज्य सरकार के फैसलों में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा, 'सरकार चलाना अलग बात है और उसे समर्थन देना अलग। राज्य संकटपूर्ण दौर से गुजर रहा है।' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के बयान से जाहिर है कि महामारी को रोकने के लिए उद्धव सरकार जिस तरह से फैसले ले रही है उससे कांग्रेस ने अपने दूरी बना ली है और राज्य में कोविड-19 की स्थिति के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया है।
मंगलवार को ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने उद्धव सरकार पर हमले तेज किए। फड़णवीस में राज्य में किसी तरह की राजनीतिक अस्थिरता की बात होने से इंकार किया लेकिन प्रदेश के भाजपा नेताओं का मानना है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की स्थितियां अनुकूल हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने भी राज्यपाल से मुलाकात की है। हालांकि, पवार ने कहा कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने फड़णवीस पर 'अधीर' होने का आरोप लगाया। वहीं, राज्यपाल से नेताओं की मुलाकात को शिवसेना ने सामान्य मुलाकात बताया है।
'महा विकास अघाड़ी' को खड़ा करने वाले एनसीपी प्रमुख पवार ने सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात की। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी अटकलें लगने शुरू हो गईं। 'महा विकास अघाड़ी' में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल हैं। भाजपा के नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं। खासतौर पर भाजपा सांसद एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नारायाण राणे इस मांग को लेकर ज्यादा मुखर हैं।
राज्यपाल से एनसीपी प्रमुख की मुलाकात पर शिवसेना नेता एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि पवार राज्य सरकार की भविष्य की रणनीति एवं कोविड-19 पर उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए बैठक की। राऊत ने कहा, 'इन मामलों पर यदि हम पवार का मार्गदर्शन एवं सलाह लेते हैं तो इसमें बुरा क्या है। देश के प्रधानमंत्री भी उनसे सलाह लेते हैं।' जाहिर है कि भाजपा के हमलों के बीच राहुल गांधी का बयान यह बताता है कि कोविड-19 पर सरकार और सहयोगी दलों के बीच पूरी तरह से सामंजस्य एवं समन्वय नहीं है। हो सकता है कि इस बैठक में उद्धव ठाकरे कोविड-19 के मसले पर सहयोगी दलों को एक पेज पर लाने की कोशिश करें।
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