मुंबई : महाराष्ट्र में मुंबई से गुजरात के अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' रहा है, लेकिन अब इस पर ब्रेक लगती नजर आ रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पर फिर से विचार करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने इस परियोजना को 'सफेद हाथी' जैसा भी बताया, जो कभी हकीकत में सामने नहीं आता।
शिवसेना के मुख पत्र 'सामना' को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे लगता है कि बुलेट ट्रेन के बारे में फिर से विचार करने की जरूरत है। यह समझने की जरूरत है कि इसका लाभ किसे मिलेगा? इससे यहां कितने उद्योग-धंधों को गति मिलेगी और यदि यह राज्य के हित में है तो कैसे? इसके बाद ही हम देखेंगे कि इस पर क्या करना है, हम जनता के समक्ष भी जाएंगे।'
यह कहे जाने पर कि यह तो प्रधानमंत्री का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' है, ठाकरे ने कहा, 'होगा, ठीक है, लेकिन अगर यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, तब भी जब नींद खुलती है तो वास्तविक स्थिति सामने होती है… सपना नहीं होता।' उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता फिलहाल राज्य के विकासात्मक कार्यों को गति देना है। सीएम ने केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र की आर्थिक घेराबंदी का आरोप भी लगाया और कहा कि इसका रास्ता निकाला जाएगा।
क्या है पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट?
यहां उल्लेखनीय है कि जिस मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन को पीएम मोदी का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' बताया जाता है, उस पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आनी है। 508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन के मार्ग में 12 स्टेशनों के लिए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, विल्लिमोरा, सूरत, भरूच, बड़ौदा, आनंद/नंदिया, अहमदाबाद और साबरमती को चुना गया।
इस मार्ग पर बुलेट ट्रेन की महाराष्ट्र में दूरी 155.64 किलोमीटर की होगी, जबकि 2 किलोमीटर की दूरी दादर व नागर हवेली में और 350.53 किलोमीटर की दूरी गुजरात में होगी। महाराष्ट्र में यह ट्रेन ठाणे व पालघर से होते हुए मुंबई पहुंचेगी। यह अगर प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो मुंबई से गुजरात की 508 किलोमीटर की दूरी 2 घंटे 7 मिनट में पूरी की जा सकेगी, जिस दौरान ट्रेन की गति 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी।
हालांकि इस मार्ग पर निर्धारित सभी 12 स्टेशनों पर ट्रेन रुकने की स्थिति में यह सफर 2 घंटे 58 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस मार्ग पर बुलेट ट्रेन की योजना को वर्ष 2023 तक पूरा किया जाना निर्धारित किया गया है।
किसान क्यों कर रहे हैं विरोध?
महाराष्ट्र में इसके लिए जमीन अधिग्रहण का किसान कड़ा विरोध कर रहे हैं। किसानों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है, जहां उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई होगी।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग की है। लगभग 192 गांवों के करीब 5000 किसानों ने शीर्ष अदालत से अपनी जमीन के मुआवजे के साथ-साथ अलग से जगह भी मांगी है। शीर्ष अदालत ने इस पर केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और रेलवे को नोटिस भी जारी किया है। किसानों के प्रदर्शनों को देखते हुए उद्धव ठाकरे पहले भी कह चुके हैं कि इस परियोजना को दोबारा परखा जाएगा।
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