मुंबई: देश में जारी कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में लोग यहां वहां फंसे रह गए, गृहमंत्रालय की जारी गाइडलाइन के मुताबिक अब शर्तों के साथ उनकी घर वापसी हो सकती है, महाराष्ट्र सरकार ने इस दिशा में पहल शुरु कर दी है, गौरतलब है कि राज्य में भारी संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं और लॉकडाउन के दौरान ही वो घर वापसी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए बांद्रा स्टेशन पर भारी तादाद में जमा हो गए थे।
महाराष्ट्र सरकार ने फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों, तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को उनके मूल राज्यों में वापसी सुनिश्चित करने के आदेश जारी किया और इसके लिए जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि जो लोग अपने मूल स्थानों पर लौटना चाहते हैं, वे अपने नाम, मोबाइल फोन नंबर, राज्य, जिला एवं तालुक , जहां वे फंसे हुए हैं, का ब्योरा देते हुए जिलाधिकारियों के पास फार्म जमा करें।
बगैर वैलिड पास के घर वापसी होगी मुश्किल
फंसे हुए व्यक्ति को यह भी बताना होगा कि वह अकेला है या उसके साथ परिवार या समूह है और उसके पास गाड़ी है या नहीं। मंत्री ने कहा कि इजाजत जिलाधिकारियों के माध्यम से दी जाएगी और तब ही आप अपने राज्यों को लौट सकते हैं।
उससे पहले दिन में सरकार ने अधिसूचना जारी कर जिलाधिकारियों को इस फंसे हुए राज्य के बाहर या अंदर जाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया था।
अधिसूचना के अनुसार फंसे हुए लोगों को साथ में नोडल अधिकारी से जारी पत्र की प्रति रखनी होगी। अपने वाहनों से जाने वालों के लिए भी यही पत्र वैध होगा साथ ही बिना मेडिकल जांच के किसी को भी यात्रा की परमीशन नहीं होगी।
महाराष्ट्र में बाहर से आना भी नहीं होगा इतना आसान
राज्य से बाहर जाने वालों के अलावा महाराष्ट्र में आने वालों के लिए भी बेहद सख्त गाइडलाइन को फॉलो करना होगा, इसके मुताबिक जो लोग अन्य राज्यों से यहां आएंगे तो उन्हें यहां आने के बाद 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा।
जिला कलेक्टर और संबंधित अधिकारी यह निश्चित करेंगे कि बाहर से आने वालों को उनके घरों में क्वारंटीन किया जाए या सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखा जाए जो भी बेहतर होगा उस पर आगे बढ़ा जाएगा मकसद यही है कि कोरोना संक्रमण को रोका जाए।
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