चक्रवात यास गुजर चुका है लेकिन अपने पीछे तबाही के जो निशां छोड़ गया उसे देखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में थे। लेकिन उनके इस दौरे में जिस तरह से पश्चिम बंगाल सरकार की मुखिया ममता बनर्जी पेश आईं उसे लेकर ना सिर्फ बीजेपी खफा है बल्कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करार दिया। इस बीच ममता बनर्जी के करीबी रहे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार ने बुला लिया है। बता दें कि चार दिन पहले ममता सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दिया था।
राजनाथ सिंह ने बताया शर्मनाक
राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ हुआ वो हैरान करने वाला है, पीएम और सीएम दोनों व्यक्तिगत पद नहीं बल्कि संवैधानिक व्यवस्था है। पीएम के प्रति इस तरह का व्यवहार जो कि राज्य के दौरे पर गए थे शर्मनाक है। यह एक तरह से संवैधानिक व्यवस्था को कुचलते हुए व्यक्तिगत विरोधों की जगह देने की कोशिश है।
ममता ने पीएम को कराया 30 मिनट इंतजार
बताया जा रहा है कि जिस बिल्डिंग में समीक्षा बैठक के लिए पीएम और गवर्नर मौजूद थे उन्हें ममता बनर्जी ने करीब 30 मिनट इंतजार कराया जबकि वो खुद उसी बिल्डिंग में मौजूद थीं। वो करीब 30 मिनट के बाद आईं और नुकसान की रिपोर्ट सौंप कर यह कहते हुए निकल गईं उनकी दूसरी मीटिंग पहले से फिक्स हैं।
सीएम के करीबी की सफाई
ममता बनर्जी के एक करीबी का कहना है कि सीएम को पहले से तय कार्यक्रम से 20 मिनट बाद पहुंचने के लिए कहा गया था। बाद में उनका चॉपर 15 मिनट के बाद अपमे गंतव्य के लिए रवाना हुआ। उनसे कहा गया कि वो इंतजार करें। दरअसल रिव्यू मीटिंग पहले ही शुरू हो चुकी थी।सीएम और चीफ सेक्रेटरी मीटिंग रूम में दाखिल हुए और पीएम से नमस्ते बंदगी हुई। दोनों लोगों ने एकदूसरे से बातचीत की। सीएम ने नुकसान से संबंधित रिपोर्ट पीएम को सौंपी और उनकी आज्ञा लेकर वो दीघा के लिए रवाना हुईं।
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