गलवान घाटी हिंसा: मायावती बोलीं- 'देश को उम्मीद सही समय पर सही फैसला लेगी सरकार' 

देश
आलोक राव
Updated Jun 17, 2020 | 14:05 IST

Mayawati reacts on Galwan valley violence: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की है। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में पूरा देश एकजुट है।

 Mayawati reacts on Galwan valley violence says need to take action in national interest
बसपा सुप्रीमो मायावती ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • सोमवार की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच घंटों तक चला संघर्ष
  • इस खूनी संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए, चीन की तरफ भी सैनिक हताहत हुए हैं
  • मायावती ने कहा कि देश को उम्मीद है कि सरकार सही समय पर सही फैसला करेगी

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने गलवान घाटी में भारत और चीन के सौनिकों के बीच हुई खूनी झड़प पर प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने बुधवार को कहा कि गलवान में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत दुखी करने और झकझोरने वाली है। बसपा नेता ने उम्मीद जताई कि भारत सरकार अपनी एक इंच जमीन भी किसी को हड़पने नहीं देगी और संकट की घड़ी में पूरा देश एकजुट है। बता दें कि इस झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए हैं लेकिन चीन की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 

शहादत की खबर झकझोरने वाली
बसपा सुप्रीम ने अपने ट्वीट में कहा, 'लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ झड़प में कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिकों के शहादत की खबर अति-दुःखद व झकझोरने वाली है। खासकर तब जब भारत सरकार दोनों देशों के बीच सीमा विवाद व तनाव को कम करने में प्रयासरत है। सरकार को अब अत्याधिक सतर्क व सूझबूझ से देशहित में कदम उठाने की जरूरत है। देश को विश्वास है कि भारत सरकार देश की आन, बान व शान के हिसाब से सही समय पर सही फैसला लेगी व देश का एक इंच जमीन भी किसी को कभी हड़पने नहीं देगी। अच्छी बात है कि सरकार की कमियों को भुलाकर ऐसे नाजुक समय में पूरा देश एकजुट है। अब सरकार को जनता की उम्मीद पर खरा उतरना है।' 

भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी संघर्ष
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि चीन सैनिक सोमवार को दिन गलवान घाटी से पीछे हटने के लिए तैयार हो गए थे लेकिन अंधेरा होने पर उन्होंने यहां कटीले तार से घेराबंदी करनी शुरू कर दी। चीनी सैनिकों की इस हरकत की जानकारी होने पर कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में भारतीय टुकड़ी चीनी सैनिकों को रोकने के लिए पहुंची। इस दौरान दोनों पक्षों में संघर्ष शुरू हो  गया। टकराव के दौरान दोनों पक्षों में गुत्थम-गुत्था हुई और एक-दूसरे पर सैनिकों ने रॉड एवं पत्थर से हमला किया। इस संघर्ष में कई भारतीय जवान फिसलकर नीचे बर्फीली नदी में गिर गए। रात में तापमान शून्य डिग्री तक पहुंच गया था।

चीन की आक्रामक कार्रवाई पर देश में गुस्सा
लद्दाख के पूर्वी इलाके में चीनी की इस आक्रामक कार्रवाई पर पूरे देश में गुस्सा है। सियासी दलों ने सरकार से सैनिकों के शहादत की बदला लेने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा कि संकट की घड़ी में पूरा देश एकजुटे है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को सामने आने और लद्दाख की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने शहीदों के परिवारों को श्रद्धांजलि दी है और सरकार से इसका बदला लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शहादत व्यर्थ नहीं होनी चाहिए। 


 

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