विदेश मंत्रालय को चीन को कड़ा संदेश-हम LAC पर एकतरफा प्रयास स्वीकार नहीं करेंगे

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Updated Jul 24, 2020 | 09:14 IST

MEA on China: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि विमर्श एवं समन्वय कार्य तंत्र के ढांचे के तहत भारत-चीन के बीच कूटनीतिक स्तर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है।

MEA says will not accept China's unilateral action to change status quo on LAC
भारत ने एक बार फिर चीन को दिया कड़ा संदेश।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच हुई है कई दफे की बातचीत
  • बातचीत में अतिक्रमण वाली जगहों से पीछे हटने पर अपनी सहमति के बाद मुकर रहा चीन
  • विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि एलएसी पर किसी तरह के एकतरफा बदलाव को वह स्वीकार नहीं करेगा

नई दिल्ली : भारत ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख से अपने सैनिकों को पूरी तरह हटाने, तनाव कम करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए नयी दिल्ली के साथ ‘ईमानदरी’से काम करेगा। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए शुक्रवार को कूटनीतिक स्तर की एक और दौर की वार्ता होने की संभावना है।

दोनों देशों में फिर होगी बातचीत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि विमर्श एवं समन्वय कार्य तंत्र के ढांचे के तहत भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर की एक और दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि इस कूटनीतिक वार्ता के शुक्रवार को होने की संभावना है और इसमें मुख्य ध्यान पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो तथा विवाद के कुछ अन्य बिन्दुओं से सैनिकों को तेजी से पीछे हटाने पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि 14 जुलाई को लगभग 15 घंटे तक चली कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया उम्मीद के अनुरूप आगे नहीं बढ़ी है।

'उम्मीद है कि चीन ईमानदारी से काम करेगा'
श्रीवास्तव ने कहा, ‘जैसा कि हम पहले कह चुके हैं, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह हमारी उम्मीद है कि विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप चीनी पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों से पूरी तरह हटने और तनाव कम करने तथा पूर्ण शांति एवं स्थिरता बहाली के लिए हमारे साथ ईमानदारी से काम करेगा।’

सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर हुई है वार्ता
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव कम करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच पांच जुलाई को टेलीफोन पर लगभग दो घंटे तक बात हुई थी। इस वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने छह जुलाई से विवाद वाले स्थानों से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

भारत एलएसी का सम्मान करने को प्रतिबद्ध
श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत एलएसी की निगरानी और इसका सम्मान करने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है और हम एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास को स्वीकार नहीं करेंगे।’उन्होंने कहा कि विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के दौरान दोनों पक्ष शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए एलएसी से सैनिकों को पूरी तरह हटाने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए सहमत हुए हैं।

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