श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को उनके फेयरव्यू गुपकर रोड स्थित आधिकारिक आवास पर शिफ्ट कर दिया गया। महबूबा जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गत पांच अगस्त के बाद से हिरासत में है। पूर्व मुख्यमंत्री अभी हिरासत में ही रहेंगी। स्थानीय प्रशासन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को पहले ही रिहा कर चुका है। ऐसे में इस बात की अटकलें हैं कि महबूबा को भी आने वाले समय में रिहा किया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गत फरवरी में मुफ्ती एवं उमर के खिलाफ एनएसए लगाया था।
इससे पहले एक प्रशासनिक आदेश में कहा गया कि उन्हें मौलाना आजाद रोड की जेल से ‘फेयरव्यू गुपकर रोड' स्थानांतरित किया जा रहा है जो उनका आधिकारिक आवास है। इसमें बताया गया कि मु्फ्ती को स्थानांतरित किए जाने से पहले प्रशासन ने उनके आधिकारिक आवास को तत्काल प्रभाव से अधीनस्थ जेल का दर्जा दे दिया।
बता दें कि भारत सरकार ने गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अबदुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित बड़ी संख्या में अलगाववादी नेताओं को नजरंबद कर दिया गया। महबूबा अनुच्छेद 370 हटाए जाने की खिलाफत करती रही हैं। उन्होंने इस धारा को हटाए जाने को लेकर कई बार विवादित बयान भी दिए। सरकार को आशंका था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद महबूबा सहित घाटी के अन्य अलगाववादी नेता माहौल खराब कर सकते हैं। इसलिए सरकार ने एहतियातन इन नेताओं को हिरासत में रखने का फैसला किया।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटे नौ महीने हो गए हैं। घाटी में हालात काफी हद तक पटरी पर आ चुके हैं। राज्य की स्थितियों में सुधार होने पर सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी और हाल के दिनों में नजरबंद नेताओं की रिहाई की है। जम्मू-कश्मीर के लोगों तक सरकार की विकास योजनाओं का लाभ पहुंचने लगा है और उनका सरकार में भरोसा बढ़ा है। राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने स्थानीय नेताओं को भरोसे में लिया है। बीते महीनों में यूरोपीय राजनयिकों का शिष्टमंडल राज्य का दौरा कर चुका है।
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