नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अब गृह मंत्रालय आगे आया है। मंत्रालय ने राज्यों को आदेश दिया है कि वह कोरोना वायरस की वजह से किए 21 दिन दिन के लॉकडाउन के दौरान प्रभावित लोगों की मदद करें। मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है, 'लॉकडाउन की वजह से राहत शिविरों में रह रहे लोगों, प्रवासी मजदूरों और बेघर लोगों के लिए अस्थायी आवास, भोजन, कपडे और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए।'
अपने आदेश में मंत्रालय ने कहा, ' एसडीआरफ फंड के पैसों से लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों समेत सभी बेघर लोग जो रिलीफ कैंपों में हैं उनके लिए राहत के उपाय करें। राहत के उपायों - अस्थायी आवास, भोजन, कपड़ों की चिकित्सा देखभाल के प्रावधानों के तहत मौजूदा मानदंड बेघर लोगों के लिए लागू होंगे, जिनमें प्रवासी मजदूर शामिल हैं। लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए लोगों को खाना आदि उपलब्ध कराने के लिए शरणार्थी राहत शिविरों और अन्य स्थानों पर रहने की व्यवस्था की जाए।'
हजारों श्रमिक घर लौटने को हैं मजबूर
आपको बता दें कि लॉकडाउन की वजह से दिल्ली, राजस्थान, मुंबई और गुजरात जैसे कई राज्यों में हजारों श्रमिक औऱ मजदूर फंसे हुए हैं। ये लोग वाहन ना मिलने की वजह से पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर अपने गांव जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों को रोकने के लिए कई अस्थायी कैंप भी बनाए हुए हैं लेकिन प्रवासी मजदूर रूकने को तैयार नहीं है।
योगी सरकार ने की है व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से लौटे, प्रदेश के और बिहार के लोगों के लिए रातों रात 1000 बसों का इंतजाम कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पहल की है। दिल्ली और अन्य जगहों से बड़ी संख्या में लोग विशेषकर मजदूर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ जैसी जगहों पर पहुंचे थे।राजधानी लखनऊ के चारबाग बस स्टेशन पर पहुंचे यात्रियों की पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने मदद की।
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