नई दिल्ली: कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया। लेकिन उसे किसने बनाया इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) को कोई जानकारी नहीं है। इसे केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने अतर्कसंगत करार दिया। आयोग ने एनआईसी को नोटिस जारी किया। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप को पारदर्शी तरीके से विकसित किया गया है।
सरकार का जवाब
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'ऐसे सभी अवसरों पर यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इंडस्ट्री और अकादमियों के वॉलेंटियर्स के सहयोग से एनआईसी द्वारा आरोग्य सेतु ऐप विकसित किया गया है। आरोग्य सेतु ऐप को सबसे पारदर्शी तरीके से विकसित किया गया है।' इसमें आगे कहा गया है, 'जैसा कि 2 अप्रैल 2020 को प्रेस विज्ञप्ति और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से घोषित किया गया था, भारत के लोगों को कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में एक साथ लाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में भारत सरकार द्वारा आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च किया गया है।'
आरोग्य सेतु ऐप को लगभग 21 दिनों के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया था, जो केवल एक मेड इन इंडिया कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के निर्माण के उद्देश्य से उद्योग, शिक्षाविदों और भारत के सर्वोत्तम दिमाग वाले लॉकडाउन प्रतिबंधों के साथ महामारी के मामलों की प्रतिक्रिया के लिए था सरकार, एक मजबूत, स्केलेबल और सुरक्षित ऐप बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।
सरकार ने नहीं दी थी जानकारी
सूचना आयुक्त सौरव दास नाम के व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। दास ने सरकार से आरोग्य सेतु ऐप बनाए जाने संबंधी विवरण, किस कानून के तहत यह काम कर रहा है और क्या सरकार इस ऐप द्वारा संग्रहित आंकड़ों को संभालने के लिए अलग से कोई कानून लाने पर की योजना बना रही है, जैसी जानकारियां मांगी थीं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जिसके बाद दास ने आरटीआई अधिनियम के तहत शिकायत दायर की। दास ने ऐसा ही याचिका एनआईसी के समक्ष भी दी थी जिसने जवाब में कहा कि उसके पास कोई जानकारी नहीं है। आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान, दास ने कहा कि एनआईसी का जवाब चौंकाने वाला था क्योंकि एनआईसी ने ही ऐप को विकसित किया था। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने भी मोबाइल ऐप बनाए जाने और अन्य मामलों को लेकर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
वहीं माई गोव और डिजिटल इंडिया के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस ऐप को बनाया है। आईएएनएस से बात करते हुए, अभिषेक सिंह ने स्पष्ट किया, 'इस बात पर कोई भ्रम नहीं है कि एनआईसी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मिल कर आरोग्य सेतु ने बनाया है। हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ दिमाग ने इस ऐप को बनाया है।'
(भाषा और आईएएनएस के इनपुट से)
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