नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विपक्ष भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर तेवर अपनाए हुए है, पर लोगों का सरकार में अब भी यकीन बना हुआ है। उन्हें लगता है कि सरकार इस मसले पर सही तरीके से निपट रही है। हालांकि इस सवाल को लेकर रेटिंग में कुछ गिरावट आई है, लेकिन अब भी यह उच्च स्तर पर बना हुआ है।
आईएएनएस सी-वोटर कोविड-19 ट्रैकर के मुताबिक, तीन चौथाई से भी ज्यादा लोगों ने सरकार को इस मामले में ऊंची रेटिंग दी है। सर्वे में शामिल 1,723 लोगों में से 77.3 प्रतिशत लोगों ने इस पर सहमति जताई कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार इस संकट को अच्छी तरह से संभाल रही है, जबकि 19.1 प्रतिशत लोगों ने इससे असहमति जताई।
इस ममाले में सरकार की रेटिंग की बात करें तो अप्रैल-जून के मुकाबले इसमें गिरावट आई है। अप्रैल-जून में जहां कोरोना वायरस से निपटने के तौर-तरीकों को लेकर मोदी सरकार की रेटिंग 80 से 90 प्रतिशत तक बनी हुई थी, वहीं अब यह 77.3 प्रतिशत हो गया है।
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 59.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें खुद या परिवार के किसी सदस्य के कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का डर है, जबकि 34.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वे संक्रमित होंगे।
सर्वे में शामिल बहुसंख्यक लोगों ने यह भी कहा कि कोरोना को लेकर अफरातफरी की स्थिति नहीं है और इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। ऐसे लोगों का प्रतिशत 49.3 रहा, जबकि 41.2 प्रतिशत लोगों ने इससे असहमति जताई।
रोजगार की बात करें तो देश में हालांकि 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, पर रोजगार की स्थिति में बहुत बदलाव नहीं आया है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद जहां 23.97 फीसदी लोगों ने रोजगार खो दिए थे, वहीं अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी कोई बड़ा परिवर्तन नहीं आया है और 21.57 प्रतिशत लोग अब भी बेरोजगार हैं।
सर्वे से एक दिलचस्प तथ्य यह भी निकला कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद 91.44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार या आसपास के लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में नहीं आए हैं।
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