देशभर में 12 दिन पहले पहुंचा मानसून, 2013 के बाद पहली बार हुआ ऐसा

Monsoon in India: मानसून इस बार पूरे देश में निर्धारित सामान्‍य तारीख से 12 दिन पहले ही पहुंच गया है। 2013 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब केदारनाथ में बाढ़ से भीषण तबाही हुई थी।

देशभर में 12 दिन पहले पहुंचा मानसून, 2013 के बाद पहली बार हुआ ऐसा
देशभर में 12 दिन पहले पहुंचा मानसून, 2013 के बाद पहली बार हुआ ऐसा  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • देशभर में मानसून निर्धारित समय से 12 दिन पहले पहुंच गया है
  • अच्‍छी वर्षा की उम्‍मीद की जा रही है, जिससे कृषि को लाभ होगा
  • केरल में दस्‍तक देने के 26 दिनों के बाद यह पूरे देश में सक्र‍िय हो गया

नई दिल्‍ली : देशभर में मानसून इस बार निर्धारित सामान्य तिथि से 12 दिन पहले ही पहुंच गया, जिससे बेहतर कृषि उत्‍पादन की उम्‍मीद की जा रही है। केरल में मानसून जहां सबसे पहले पहुंचता है, वहीं देश के अन्‍य हिस्‍सों तक पहुंचते-पहुंचते इसे थोड़ी देर होती है और आम तौर पर 8 जुलाई तक मानसून देशभर में पहुंच जाता है। लेकिन इस बार यह 12 दिन पहले 26 जून को ही पूरे देश में पहुंच चुका है। ऐसा 2013 के बाद पहली बार हुआ है।

साल 2013 और 2015 के अपवाद को अगर छोड़ दिया जाए तो पिछले करीब 13 वर्षों में मानसून आम तौर पर जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता रहा है। इससे पहले वर्ष 2015 में भी मानसून 26 जून को पूरे देश में सक्रिय हो गया था, जबकि 2013 में यह 16 जून को ही पूरे देश में पहुंच गया था। उस साल उत्‍तराखंड के केदारनाथ में बाढ़ से भीषण तबाही हुई थी।

केरल में दस्‍तक के 26 दिन बाद देशभर में पहुंचा मानसून

मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मानसून केरल में दस्‍तक देने के 26 दिनों बाद पूरे देश में पहुंच चुका है। केरल में मानसून 1 जून को पहुंचा था। शुक्रवार को यह पंजाब, हरियाणा और राजस्‍थान के विभिन्‍न इलाकों में भी पहुंच गया, जिसके बाद अब यह पूरे देश में पहुंच चुका है।

मानसून के समय से पहले दस्‍तक देने के बाद देशभर में अच्‍छी वर्षा की उम्‍मीद की जा रही है। आईएमडी के मुताबिक, जून में अब तक पूरे देश में अच्‍छी बारिश हुई है और यह सामान्‍य बारिश से लगभग 22 प्रतिशत अधिक है। हालांकि दिल्‍ली-एनसीआर सहित देश के पश्चिमोत्‍तर इलाकों में अगले कुछ दिनों में अच्‍छी बारिश नहीं होने के अनुमान भी हैं।

चक्रवात के कारण बनी अनुकूल परिस्‍थ‍ियां

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल बनी चक्रवातीय स्थितियों के कारण भी मानसून निर्धारित सामान्‍य समय से पहले पहुंचा है। पहले चक्रवात अम्‍फान के कारण मई के मध्‍य तक अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक पहुंचने में मदद मिली और फिर अरब सागर में चक्रवात निसर्ग के कारण उस तरह की परिस्‍थतियां बनीं कि केरल और दक्षिण भारत के कई अन्‍य हिस्‍सों में तथा पश्चिमी तट पर मानसून ने 1 जून को दस्‍तक दे दी।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र, जो पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा और मध्य भारत के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण से मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिली। उन्‍होंने इसे खरीफ फसलों के लिए भी बेहतर बताया।
 

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