लखनऊ: देश में कोरोना के मामले लगातार तेज गति से बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने काफी हद तक मामलों के बढ़ने पर नियंत्रण कर रखा है। दरअसल इसके पीछे सीएम योगी द्वारा लगातार लिए जाने वाले बोल्ड फैसले रहे हैं। इकनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में योगी ने बताया कि कोरोना संकट से पहले ही उन्होंने जनवरी में सभी जिलों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए थे। इसी का परिणाम है कि यूपी में अभी तक 727 मामले आए हैं जबकि यूपी की तुलना में कई गुना छोटे राज्यों में यह मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
यूपी सरकार ने रणनीति बनाकर किया काम
योगी ने बताया कि राज्य सरकार सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने में सफल रही है। इसी का परिणाम रहा कि आगर देश में एक मॉडल के रूप में उभरा है जहां सबसे पहले कोरोना के मामले आए थे। सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार ने बेहतर रणनीति के साथ सभी हॉटस्पॉट की पहचान की और इसके लिऐए रैपिट रिस्पॉन्स टीम गठित की तथा केंद्र के साथ तालमेल बैठाकर काम किया। इतना ही नहीं डोरस्टेप डिलवरी और सैनेटाइज के काम को भी बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
तबलीगी जमात को लेकर कही ये बात
तबलीगी जमात के बारे में पूछे जाने पर योगी ने कहा कि राज्य में मामले बेहद कम होते लेकिन तबलीगी जमात के संपर्क में आने वालों की संख्या एक तिहाई है। मामले के सबसे बड़े दोषी वो हैं जिन्होंने मरकज में शामिल होने वाले लोगों को अपने यहां छुपाए रखा। सीएम योगी ने कहा कि जिस तरह ये लोग इलाज के दौरान सहयोग नहीं कर रहे हैं वो अस्वीकार्य है और हमारी सरकार कड़े फैसले ले रही है।
दोषियों को नहीं बख्शेंगे
योगी ने कहा कि यह एक वैश्विक महामारी है और राज्य तथा केंद्र सरकार महत्वपूर्ण निर्णय़ ले रही है। सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा, 'यदि इन हालातों में कोई कानून के नियमों का पालन नहीं करता है तो हमने आदेश जारी किए हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कुछ लोग पुलिस वालों पर हमले कर रहे हैं, नर्सों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। ऐसे लोगों को हम छोड़ेंगे नहीं। वे कानून से बच नहीं सकते हैं। ऐसे लोग मानवता के दुश्मन हैं, इसलिए हमने आदेश जारी कि है कि ऐसे लोगों पर एनएसए लगाया जाए।'
अक्षम्य अपराध
इससे पहले योगी ने कहा था, 'स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी, सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस विभाग के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन रात सेवा कार्य में जुटे हैं। मुरादाबाद में पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी।'
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