नई दिल्ली: भारतीय सेना ने 15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम जारी कर दिए हैं। सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं। लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।
शादी की तैयारी कर रहा था परिवार
वहीं शहीद हुए राजेश ओरंग तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे और 2015 में सेना में शामिल हुए थे। उनके शोक संतप्त पिता सुभाष ने कहा, 'मेरे बेटे ने देश की सेवा की और उसके लिए अपनी जान दे दी।' राजेश की मां ममता अभी कुछ बोलने की हालत में नहीं है। मां आस लगाए हुईं थी कि अगली छुट्टियों में जब बेटा घर आएगा तो उसकी शादी कराएंगे। उनकी छोटी बहन शकुंतला ने कहा कि बचपन से ही मेरा भाई देश की सेवा करना चाहता था और वह सेना में शामिल होकर खुश था। वह कुछ महीनों पहले छुट्टी पर घर आया था और उसकी शादी की बातचीत चल रही थी।
हमारे जवान मारते-मारते मरे हैं: पीएम मोदी
झड़प में शहीद हुए अधिकारी की पहचान 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के तौर पर हुई। वह तेलंगाना के निवासी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प पर कहा है कि हमारे सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाये जाने पर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। देश को इस बात पर गर्व होगा कि हमारे दिवंगत शहीद मारते-मारते मरे हैं।
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