देश के लिए इन जवानों ने दिया सर्वोच्च बलिदान, यहां पढ़ें मां भारती के 20 सच्चे सपूतों के नाम

देश
लव रघुवंशी
Updated Jun 17, 2020 | 16:49 IST

Names of 20 Indian Army Martyrs: लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। यहां पढ़ें उन शहीदों के नाम।

Ladakh
शहीदों को याद कर रहा पूरा देश 
मुख्य बातें
  • पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए
  • हमारे जवान मारते-मारते मरे हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • लद्दाख में पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुए है

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने 15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम जारी कर दिए हैं। सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं। लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।

  1. कर्नल बी संतोष बाबू (हैदराबाद)
  2. नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन (मयूरभंज)
  3. नायब सूबेदार मनदीप सिंह (पटियाला)
  4. नायब सूबेदार सतनाम सिंह (गुरदासपुर)
  5. हवलदार के पलानी (मदुरई)
  6. हवलदार सुनील कुमार (पटना)
  7. हवलदार बिपुल रॉय (मेरठ)
  8. नायक दीपक कुमार (रेवा)
  9. सिपाही राजेश ओरंग (बीरभूम)
  10. सिपाही कुंदन कुमार ओझा (साहिबगंज)
  11. सिपाही गणेश राम (कांकेर)
  12. सिपाही चंद्रकांता प्रधान (कंधमाल)
  13. सिपाही अंकुश (हमीरपुर)
  14. सिपाही गुरबिंदर (संगरुर)
  15. सिपाही गुरतेज सिंह (मनसा)
  16. सिपाही चंदन कुमार (भोजपुर)
  17. सिपाही कुंदन कुमार (सहरसा)
  18. सिपाही अमन कुमार (समस्तीपुर)
  19. सिपाही जय किशोर सिंह (वैशाली)
  20. सिपाही गणेश हांसदा (ईस्ट सिंहभूम)

शहीद हुए बीस सैनिकों में बिहार सहरसा से सटे गांव आरन के कुंदन यादव नाम के एक जवान भी शामिल हैं। कुंदन की पत्नी ने कहा, 'आखिरी बार 9 तारीख को उनसे बात हुई थी। उनकी मौत का बदला चाहिए।' वहीं शहीद के पिता ने कहा, 'मेरे बेटे ने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया है। मेरे दो पोते हैं, मैं उन्हें भी भेजूंगा।' 

शादी की तैयारी कर रहा था परिवार

वहीं शहीद हुए राजेश ओरंग तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे और 2015 में सेना में शामिल हुए थे। उनके शोक संतप्त पिता सुभाष ने कहा, 'मेरे बेटे ने देश की सेवा की और उसके लिए अपनी जान दे दी।' राजेश की मां ममता अभी कुछ बोलने की हालत में नहीं है। मां आस लगाए हुईं थी कि अगली छुट्टियों में जब बेटा घर आएगा तो उसकी शादी कराएंगे। उनकी छोटी बहन शकुंतला ने कहा कि बचपन से ही मेरा भाई देश की सेवा करना चाहता था और वह सेना में शामिल होकर खुश था। वह कुछ महीनों पहले छुट्टी पर घर आया था और उसकी शादी की बातचीत चल रही थी। 

हमारे जवान मारते-मारते मरे हैं: पीएम मोदी

झड़प में शहीद हुए अधिकारी की पहचान 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के तौर पर हुई। वह तेलंगाना के निवासी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प पर कहा है कि हमारे सैनिकों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाये जाने पर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। देश को इस बात पर गर्व होगा कि हमारे दिवंगत शहीद मारते-मारते मरे हैं।
 

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