नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बीते करीब डेढ़ साल से बनी हुई है। चीन के अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे इलाकों में भी गांव बसाने की रिपोर्ट सामने आ चुकी है। पड़ोसी मुल्कों से टकराव के बीच चीन के इरादों को लेकर अमेरिका तक ने चेताया है। इन सबके बीच अब डोकलाम के पास एक बार फिर से चीनी गतिविधियां तेज होने की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि यहां एक साल में चीन ने चार गांव बसा दिए।
डोकलाम वही विवादित क्षेत्र है, जहां 2017 में भारत और चीन की सेना 73 दिनों तक आमने-सामने रही थी और दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। यहां विवाद चीन की सेना द्वारा एक सड़क निर्माण को लेकर शुरू हुआ था, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था। गतिरोध 16 जून, 2017 को शुरू हुआ था, जब भारतीय सैनिकों ने PLA को डोकलाम में सड़क बनाने से रोक दिया था। उसी साल सितंबर में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले 28 अगस्त, 2017 को दोनों देशों ने सैन्य वापसी का ऐलान कर तनाव का पटाक्षेप किया था।
अब उसी डोकलाम में एक बार फिर चीनी गतिविधियों की जानकारी सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चीन द्वारा यह निर्माण कार्य भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र में किया जा रहा है, जहां 2020-2021 के दौरान एक साल की अवधि में चीन ने चार गांव बसा दिए हैं।
द इंटेल लैब से जुड़े एक वैश्विक रिसर्चर के ट्विटर हैंडल @detresfa से इस संबंध में एक ट्वीट किया गया है, जिसमें विवादित क्षेत्र के करीब 100 वर्ग किलोमीटर के दायरे में कई नए गांव बसाने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि चीन ने एक साल की अवधि में यहां चार गांव बसा दिए हैं। इसके लिए सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों का हवाला दिया गया है।
यहां उल्लेखनीय है कि डोकलाम, भारत, चीन और भूटान के बीच एक त्रि-जंक्शन की तरह है। इसकी सीमाएं तीनों देशों से मिलती हैं। भारत में इसका कुछ हिस्सा पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम से सटा है। भारत इसे भूटान का क्षेत्र मानता है, जबकि चीन इस पर अपना दावा करता है। चूंकि चीन और भूटान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं, जबकि भारत और भूटान के बीच संबंध बेहद घनिष्ठ हैं, ऐसे में भूटान को भारत से सैन्य, राजनीतिक व कूटनीतिक सहयोग मिलता रहा है।
भारत यहां चीन के निर्माण कार्य का इसलिए भी विरोध करता है, क्योंकि अगर चीन ने यहां सड़क बना ली तो पूर्वोत्तर से सटे सीमा क्षेत्र में वह सामरिक बढ़त बना सकता है। यह इलाका चिकन नेक (मुर्गी की गर्दन) की तरह है, जिसकी वजह से इसे यह नाम भी दिया जाता है। चीन और भूटान के बीच इस विवादित क्षेत्र को जहां डोकलाम कहा जाता है, वहीं भूटान में इसे डोक ला और चीन में डोकलांक कहा जाता है।
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