नौसेना जासूसी केस: पत्नी के बाद अब पति भी NIA की गिरफ्त में, ISI तक पहुंचाई गई थी संवेदनशील जानकारी

देश
किशोर जोशी
Updated Jun 06, 2020 | 20:02 IST

Visakhapatnam Espionage Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में आतंक के वित्तपोषण के एक साजिशकर्ता को शनिवार को गिरफ्तार किया।

NIA arrests terror funding conspirator Abdul Rehman in Visakhapatnam espionage case
नौसेना जासूरी केस:  पत्नी के बाद अब पति भी NIA की गिरफ्त में 
मुख्य बातें
  • जासूसी के इस मामले में नौसेना के 11 कर्मियों ने कथित तौर पर संवेदनशील सूचनाएं आईएसआई तक पहुंचायी
  • आतंक के वित्तपोषण मामले में मुंबई निवासी अब्दुल रहमान अब्दुल जब्बार शेख गिरफ्तार
  • एनआईए ने कई सारे डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2019 में हुए विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया के जरिए नौसेना कर्मियों की संवदेनशील जानकारी को एकत्र करने वाले अब्दुल जब्बार पर आतंकी फंडिंग की साजिश का आरोप है। इस मामले में 11 नौसेना कर्मियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी - इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को संवेदनशील जानकारी लीक की थी।

जब्बार था साजिश में शामिल

 मुंबई निवासी अब्दुल रहमान अब्दुल जब्बार शेख (53) अपनी गिरफ्तार पत्नी शाइस्ता क़ैसर और अन्य के साथ आतंकी फंडिंग में शामिल था। जब्बार के घर की तलाशी के दौरान एनआईए ने कई डिजिटल उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान से जुड़े जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया था।

15 आरोपी गिरफ्तार

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान से जुड़े जासूसी गिरोह का पर्दाफाश किया था। जासूसी के इस मामले में एनआईए ने जांच का जिम्मा संभालते ही मुंबई निवासी मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को पिछले महीने गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि मामले में वह ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ था। इस मामले में शेख सहित अभी तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है । इसमें 11 नौसैन्य कर्मी, पाकिस्तान में जन्मी भारतीय नागरिक कैसर और उसके सहयोगी भी शामिल हैं ।

बार-बार पाकिस्तान जाता रहा है अब्दुल रहमान

जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहमान अपनी पत्नी शाइस्ता क़ैसर के साथ कई बार सीमा पार व्यापार करने की आड़ में अपने सहयोगियों से मिलने के लिए कराची, पाकिस्तान गया था। इन यात्राओं के दौरान, वह दो पाकिस्तानी जासूसों अकबर उर्फ ​​अली और रिजवान से मिला। इस दंपति को नियमित अंतराल पर नौसेना कर्मियों के बैंक खातों में पैसा जमा करने का निर्देश दिया। यह काम अलग-अलग माध्यमों से किया गया।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे थे काम

 अब्दुल और उनकी पत्नी शाइस्ता पाकिस्तानी एजेंट थे और गोपनीय सूचना के लिए नौसैना कर्मियों के खातों में पैसा जमा करने के लिए पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे थे। एनआईए को सूचना मिली थी कि आईएसआई के निर्देश पर उसने नौसेना के कार्मिक के खातों में पैसे जमा करवाए हैं। इसके बाद प्रमुख आरोपी हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को डोंगरी इलाके, मुंबई में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।

2019 में हुआ था भाडाफोड़

मामले का खुलासा तब हुआ जब नवंबर 2019 में आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया था जिसमें नौसेना के अधिकारी और कुछ पाकिस्तानी जासूस शामिल थे। जासूसों ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों और नेवल इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में संवेदनशील जानकारी एकत्र करने के लिए सोशल मीडिया पर नौसेना के कर्मियों को फंसाया था। नौसेना कर्मी पैसे क बदले वर्गीकृत जानकारी साझा करते रहे।

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