नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों के पास जिंदगी के अब कुछ ही घंटे बचे हैं। 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे चारों मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी दी जाएगी। लेकिन उससे पहले आज पवन जल्लाद ने तिहाड़ जेल में फांसी की रिर्हसल की। तैयारियों को जांचने के लिए तिहाड़ जेल में डमी फांसी का आयोजन किया गया। पवन कल यानी मंगलवार को ही मेरठ से तिहाड़ जेल पहुंचा।
पवन ने तिहाड़ जेल अधिकारियों की मौजूदगी में फांसी देने का डमी ट्रायल किया। बुधवार को तिहाड़ में जल्लाद पवन द्वारा डमी-ट्रायल किए जाने की पुष्टि न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में दिल्ली जेल के अपर महानिरीक्षक राज कुमार ने की। अपर महानिरीक्षक दिल्ली जेल के मुताबिक, बुधवार को किया गया डमी ट्रायल रुटीन प्रक्रिया है। निर्भया के मुजरिमों को फांसी देने के लिए पहली बार किए जा रहे डमी ट्रायल के वक्त हमारी चिंता ज्यादा थी।
अपर महानिरीक्षक जेल राज कुमार ने आईएएनएस को आगे बताया, बुधवार को डमी ट्रायल तिहाड़ की तीन नंबर जेल परिसर में स्थित फांसी घर में किया गया। डमी ट्रायल के दौरान यूं तो मुख्य कार्य पवन (जल्लाद) का ही था। इसके बाद भी एहतियातन तिहाड़ जेल के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी भी इस डमी ट्रायल के दौरान मौजूद रहे।
आधा घंटे चला डमी ट्रायल
डमी ट्रायल के दौरान पवन जल्लाद और फांसी घर में मौजूद जेल अफसरों ने आखिर क्या-क्या जांचा? पूछे जाने पर एआईजी जेल ने कहा, दौरान-ए-फांसी कहीं कोई व्यवधान उत्पन्न होने की कहीं कोई आशंका न रहे। मुख्य काम तो पवन को ही करना है। लिहाजा ऐसे में उन्हें ही सारे इंतजाम एक बार फिर से देखने थे। इसलिए जेल प्रशासन ने उनके (पवन जल्लाद) कहे मुताबिक डमी ट्रायल का इंतजाम किया था। डमी ट्रायल करीब आधा घंटा चला।
अभी भी बचने का रास्ता खोज रहे दोषी
वहीं दूसरी तरफ निर्भया के दोषी अभी भी मौत को डालने में लगे हुए हैं। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को मुकेश सिंह द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मृत्युदंड को रद्द करने की अपील की गई। याचिका में दावा किया गया कि अपराध के समय वह दिल्ली में नहीं था। याचिका में दावा किया गया था कि मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया और उसे 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया था। साथ ही यह भी कहा गया कि वह 16 दिसंबर को शहर में मौजूद नहीं था, जब यह अपराध हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में भी पहुंचे दोषी
वहीं दोषी अक्षय कुमार ने फांसी से महज तीन दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दूसरी दया याचिका दायर की है। इसके अलावा पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक सुधारात्मक याचिका दायर की है। पवन गुप्ता ने यह सुधारात्मक याचिका उस पुनर्विचार याचिका को खारिज किये जाने के खिलाफ दायर की है जिसमें उसके किशोर होने का दावा खारिज किया गया था। इतना ही नहीं चार में से तीन दोषियों में ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) का दरवाजा खटखटाकर अपनी फांसी की सजा रोकने का अनुरोध किया है।
मुकेश, पवन और विनय की अपने-अपने परिवारों के साथ अंतिम बार मुलाकात हो गई है। अक्षय का उसके परिवार के साथ मुलाकात नहीं हुई है। यह मुलाकात इसलिए कराई जाती है कि ताकि दोषी अपने परिवार के साथ बातचीत कर सके और गले लग सके।
अक्षय की पत्नी ने मांगा तलाक
इस सबके बीच अक्षय ठाकुर की पत्नी ने बिहार के औरंगाबाद की अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की है। अक्षय की पत्नी ने कहा है कि वो विधवा बनकर नहीं जी सकती, इसलिए उसे तलाक दिया जाए। उसने कहा कि उसके पति को रेप के मामले में दोषी ठहराया गया है और उसे फांसी दी जानी है, जबकि वह निर्दोष हैं, ऐसे में वह उसकी विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है। इस मामले पर सुनवाई 19 मार्च को होनी है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।