नई दिल्ली : निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों में से एक ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समीक्षा याचिका दायर की है। दोषियों में से एक अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की है। मामले में ट्रायल कोर्ट ने अक्षय को मौत की सजा सुनाई थी। उनकी सजा को दिल्ली हाई कोर्ट और सुपीम कोर्ट ने बरकरार रखा।
कोर्ट ने 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में सभी दोषियों को को मौत की सजा सुनाई थी। अक्षय कुमार सिंह ने 2017 के फैसले की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोईट का रुख किया। जबकि शीर्ष अदालत ने 9 जुलाई, 2018 को मामले में तीन अन्य दोषियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था।
23 वर्षीय पारा मेडिकल छात्रा के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस के भीतर छह व्यक्तियों ने क्रूरतापूर्वक सामूहिक बलात्कार किया गया था और सड़क पर फेंकने से पहले गंभीर रूप से हमला किया गया था। पीड़िता ने 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले मुकेश (30), पवन गुप्ता (23) और विनय शर्मा (24) की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा था कि फैसले की समीक्षा के लिए उन लोगों ने कोई आधार नहीं बनाया। शीर्ष अदालत ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट और निचली अदालत द्वारा युवती के गैंगरेप और हत्या के मामले में दी गई सजा को बरकरार रखा था।
इस मामले के एक आरोपी राम सिंह ने कथित तौर पर तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। आरोपियों में शामिल एक नाबलिग को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। तीन साल के बाद उन्हें रिफॉर्मेशन होम से रिहा कर दिया गया।
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