Nirbhaya case: मौत से बचने के लिए फिर दोषी फिर अपना रहे कानूनी हथकंडा, पवन के बाद अब अक्षय ने दायर की याचिका

देश
लव रघुवंशी
Updated Feb 29, 2020 | 18:28 IST

Nirbhaya gang rape case: मौत से बचने के लिए हर कानूनी हथकंडा अपना चुके निर्भया के दोषी अभी भी बाज नहीं आ रहे हैं। दोषी अक्षय ने एक बार फिर दया याचिका दायर की है।

Nirbhaya Case
चारों दोषियों को 3 मार्च को फांसी होनी है 

नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को 3 मार्च को फांसी दी जानी है। लेकिन उससे पहले वो बचने का हर रास्ता खोज रहे हैं। अब दोषियों में से एक अक्षय ने दया याचिका दायर की है। उसने यह कहते हुए ये दया याचिका दाखिल की है कि उसकी पहले की याचिका खारिज कर दी गई थी जिसमें सभी तथ्य नहीं थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने फांसी पर रोक के अनुरोध वाली दोषी अक्षय की याचिका पर तिहाड़ जेल अधिकारियों को 2 मार्च तक जवाब देने के निर्देश दिए। अपने वकील के जरिए दाखिल याचिका में अक्षय ने दावा किया कि उसने भारत के राष्ट्रपति के समक्ष एक नई दया याचिका भी दाखिल की है जो अभी लंबित है।

इसके अलावा इस मामले में एक और दोषी पवन कुमार गुप्ता द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच सुनवाई करेगी। इस बेंच की अध्यक्षता जस्टिस एन वी रमना करेंगे। पवन ने अपनी मौत की सजा को आजीवन कारावास की सजा में बदलने की मांग की है। 

 

पवन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर कर मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था। पवन कुमार गुप्ता के वकील ए पी सिंह ने बताया कि उनके मुवक्किल ने सुधारात्मक याचिका में कहा है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए। पवन चारों मुजरिमों में अकेला है जिसने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर करने और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था।

चारों मुजरिमों को एक साथ 3 मार्च को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने का सत्र अदालत ने मृत्यु वारंट जारी किया है।

तीसरी बार जारी हुआ वारंट
विनय, अक्षय, पवन और मुकेश चारों को एक साथ तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। 17 फरवरी को दोषियों के खिलाफ ये तीसरा डेथ वारंट जारी हुआ था। पटियाला हाउस कोर्ट ने ये डेथ वारंट जारी किया। इससे पहले 21 जनवरी और 1 फरवरी के लिए भी डेथ वारंट जारी किया गया था, लेकिन वे कोई ना कोई कानूनी पेंच निकालकर बच जाया करते थे। 

6 लोगों ने किया था जुर्म
दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में छह व्यक्तियों ने चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी हालत में उसे सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निधन हो गया था। छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था जिसे तीन साल सुधारगृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।

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