लोन वुल्फ आतंकवाद कोई हालिया घटना नहीं है, लेकिन भारत काफी हद तक इससे अछूता रहा है। कम से कम, हाल तक। राजस्थान के पर्यटन नगरी उदयपुर में 28 जून को दर्जी कन्हैया लाल तेली की भीषण हत्या ने देश की सुरक्षा और खुफिया तंत्र की दरारों को उजागर कर दिया है। एनआईए अधिकारियों ने कहा कि आरोपी, जिसने कन्हैया लाल की दुकान की रेकी की थी, व्हाट्सएप, स्काइप, फेसबुक मैसेंजर और स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।
उदयपुर में दो आतंकियों ने तालिबानी तरीके से टेलर कन्हैयालाल का दिन दहाड़े गला रेत दिया था। तभी से लेकर इस कत्ल कांड में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। सनसनीखेज और हैरतअंगेज।अब NIA की तफ्तीश टेररिस्तान के ऑनलाइन आतंक को लेकर बड़ा और विस्फोटक खुलासा हुआ है।
NIA को जांच के दौरान ऐसे सबूत, ऐसे सुराग मिले हैं, जिससे ये साबित होता है कि पाकिस्तान कैसे दूर बैठकर हिंदुस्तान में नफरत की बीज बो रहा है। सबसे पहले आपको बताते हैं कि आतंकी गौस और रियाज पर सबसे बड़ा खुलासा क्या है
ये खुलासा गौस और रियाज के फोन से हुआ है.. NIA ने जब आतंकियों के फोन की जांच की तो 20 फोन नंबर मिले.. जो 10 अलग अलग लोगों के थे.. इसके अलावा व्हाट्सएप और अलग अलग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सर कलम करने के तरीके बताते हुए ऑडियो और वीडियो थे..
ये खुलासा साफ साफ दर्शाता है कि कैसे पाकिस्तान सरहद पार आतंक की फैक्ट्री चला रहा है.. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी संगठन दावते इस्लामी ने ही कन्हैयालाल की हत्या से पहले रियाज और गौस को ट्रेनिंग दी थी
सूत्रों का कहना है कि दावते इस्लामी पर अजमेर में आपत्तिजनक धार्मिक किताबें बाजार में बिकवाने का भी शक है। जांच में सामने आया है कि आपत्तिजनक धार्मिक किताबों को बेचने के लिए दुकानदारों को रोजाना 300-400 रुपये भी दिए जाते थे.. रियाज और गौस इन किताबों को बांटने का काम भी दिया करते थे.. पुलिस ने इस मामले में भी जांच शुरू कर दी है..6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इन सभी संदिग्धों के लैपटॉप और मोबाइल फोन खंगाले जा रहे हैं।
NIA सूत्रों से जो खुलासा सामने आया है वो बेहद चौंकाने वाला है.. क्योंकि अभी भी गौस और रियाज जैसे करीब तीन दर्जन लोग खुला घूम रहे हैं.. ये कौन हैं कहां हैं.. पता नहीं.. इन्हें चिन्हित करना बहुत बड़ी चुनौती है.. पाकिस्तानी साजिश को लेकर ये खुलासा ना सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि हिंदुस्तान को सावधान और सचेत करने वाला है। क्योंकि अब पाकिस्तान आतंक के पुराने पैंतरे छोड़ नए टेरर टूल का इस्तेमाल कर रहा है और इसका नाम है-ऑनलाइन आतंक।
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