मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी चिट्ठी से राज्य की राजनीति में खलबली मची हुई हुई हैं। यहां आरोप सीधे- सीधे गृहमंत्री पर लगे हुए हैं। परमबीर सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि ‘महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों से हर महीने बार और होटलों से वसूली करने को कहते थे।’ इस आरोप के बाद महाविकास अघाड़ी की सरकार बैकफुट पर है।
खुद परमबीर पर भी सवाल
परमबीर सिंह द्वारा जो पत्र लिखा गया है उससे न केवल गृहमंत्री या सरकार पर सवाल नहीं उठ रहे हैं बल्कि परमबीर सिंह भी खुद आरोपों के कठघरे में हैं। सवाल ये उठता है कि परमबीर सिंह इस कठित उगाही-वसूली के धंधे पर तब तक क्यों मौन रहे, जब तक वह मुंबई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर बने रहे? कुछ पूर्व आईपीएस अधिकारी मानते हैं कि अगर ऐसा मामला परमबीर के सामने आया था तो उन्होंने खुद इसे लेकर कार्रवाई करनी चाहिए थी क्योंकि ये तो सीधे- सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जैसे ही परमबीर सिंह की पुलिस कमिश्नर की कुर्सी गई वैसे ही उन्होंने ये पत्र पहले मीडिया में लीक कराया बाद में सीएम दफ्तर को इसकी जानकारी मिली।
क्या करेंगे उद्धव
अब संकट हैं सीएम उद्धव ठाकरे के सामने, क्योंकि परमबीर का खत सामने आने के बाद बीजेपी जिस तरह गृह मंत्री अनिल देशमुख को हटाने की मांग पर अड़ी हुई हैं उससे उद्धव के पास अब सीमीत विकल्प नजर आ रहे हैं। हालांकि देशमुख ने आरोप खारिज करते हुए परमबीर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है। वहीं अगर उद्धव ठाकरे अनिल देशमुख को हटाते हैं तो फिर राज्य में और भी खुलासे हो सकते हैं क्योंकि कहा जा रहा है कि जो बातें परमबीर सिंह कह रहे हैं वो बाते कई अन्य मंत्रियों को भी पता थी। बीजेपी एंटीलिया केस और अनिल वाझे को लेकर शुरूआत से ही अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है। बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोप अब पुष्ट होते हुए दिख रहे हैं।
क्या बिहार वाला सीन दोहराएगी बीजेपी
आपको याद होगा कुछ साल पहले बिहार में महागठबंधन (राजद- जेडीयू और कांग्रेस) की सरकार गिर गई थी और बाद में बीजेपी ने समर्थन देकर नीतीश को सीएम बनाकर समर्थन दिया था। अभी महाराष्ट्र में जिस तरह के हालात हैं ऐसे में राज्य में गठबंधन सरकार पर भी खतरा नजर आ रहा है। चर्चाओं का बाजार गर्म है कि उद्धव एनसीपी के साथ अपने गठबंधन को लेकर फिर से सोच सकते हैं वहीं बीजेपी इसे एक अवसर के रूप में अपने लिए देख रही है और हो सकता है कि सरकार बनाने के लिए बीजेपी शिवसेना फिर से साथ आ जाएं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।