नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बने 1.75 लाख घरों के 'गृह प्रवेश कार्यक्रम' का उद्घाटन किया। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वीडियो लिंक के जरिए मौजूद रहे। इस मौके पर पीएम मोदी ने सबसे पहले पक्का घर पाने वाले कुछ लाभार्थियों से बात और उनके अनुभव को जाना। इस दौरान उन्होंने सभी लाभार्थियों को बधाई दी।
इस बार आपकी दीवाली होगी अलग
प्रधानमंत्री ने कहा, 'अभी ऐसे साथियों से मेरी चर्चा हुई, जिनको आज अपना पक्का घर मिला है, अपने सपनों का घर मिला है। अब मध्य प्रदेश के पौने 2 लाख ऐसे परिवार, जो आज अपने घर में प्रवेश कर रहे हैं, जिनका गृह-प्रवेश हो रहा है, उनको भी मैं बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। इस बार आप सभी की दीवाली, आप सभी के त्योहारों की खुशियां कुछ और ही होंगी। कोरोना काल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए, आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधानसेवक आपके बीच होता।'
महज डेढ़ से दो महीने में तैयार हुए घर
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'आज का ये दिन करोडों देशवासियों के उस विश्वास को भी मज़बूत करता है कि सही नीयत से बनाई गई सरकारी योजनाएं साकार भी होती हैं और उनके लाभार्थियों तक पहुंचती भी हैं। जिन साथियों को आज अपना घर मिला है, उनके भीतर के संतोष, उनके आत्मविश्वास को मैं अनुभव कर सकता हूं। सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है। कोरोना के इस काल में पीएम आवास योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है। आपदा को अवसर में बदलने का ये बहुत ही उत्तम उदाहरण है।'
श्रमिकों को किया याद
श्रमिकों के योगदान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इस तेज़ी में बहुत बड़ा योगदान रहा शहरों से लौटे हमारे श्रमिक साथियों का। हमारे इन साथियों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का पूरा लाभ उठाते हुए अपने परिवार को संभाला और अपने गरीब भाई-बहनों के लिए घर भी तैयार करके दे दिया। मुझे संतोष है कि पीएम गरीब कल्याण अभियान से मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में करीब 23 हज़ार करोड़ रुपए के काम पूरे किए जा चुके हैं।'
गरीब के पास जाती है सरकार
सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है। अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता। चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है। मटीरियल से लेकर निर्माण तक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और उपयोग होने वाले सामानों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
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