नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान ने आज डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-यूएई व्यापक आर्थिक समझौता दोनों देशों की गहरी मित्रता, साझा दृष्टिकोण और परस्पर विश्वास को दर्शाता है।
अपने संबोधन में कहा, 'मुझे बहुत खुशी है कि हमारे दोनों देशों ने आज व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत और यूएई 3 महीने से भी कम समय में इस तरह के एक महत्वपूर्ण समझौते पर बातचीत करने में सक्षम थे। हम संयुक्त पहलों और संयुक्त वित्तपोषण के माध्यम से भारत और संयुक्त अरब अमीरात में स्टार्टअप को प्रोत्साहित कर सकते हैं। अपने नागरिकों के कौशल विकास के लिए हम आधुनिक उत्कृष्टता संस्थानों में भी सहयोग कर सकते हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के बाद, कई संयुक्त अरब अमीरात कंपनियों ने केंद्र शासित प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाई है। हम जम्मू-कश्मीर में लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी सहित सभी क्षेत्रों में यूएई के निवेश का स्वागत करते हैं।
संयुक्त विजन वक्तव्य द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य की रूपरेखा और मुख्य कार्य क्षेत्रों पर केंद्रित है। दोनों देश क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में योगदान देने और समुद्री सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सभी रूपों में सीमा पार आतंकवाद सहित अतिवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
इसके अलावा दोनों देशों में सहयोग का विस्तार करने और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करने और ई-व्यवसायों और ई-भुगतान समाधानों को पारस्परिक रूप से बढ़ावा देने पर सहमति बनी है। दोनों देशों के विचारशील नेताओं के बीच परस्पर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक परियोजनाओं, प्रदर्शनियों और संवाद को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए एक भारत-यूएई सांस्कृतिक परिषद स्थापित करने पर सहमत व्यक्त की।
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