नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में बोलते हुए तीन नए कृषि कानूनों का बचाव किया और बताया कि वो क्यों जरूरी थे। पीएम मोदी ने कहा कि मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों। दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया। उन्होंने कहा कि मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है।
इन उदाहरणों से किया कानूनों का बचाव
पीएम मोदी ने कहा, 'पहली बार इस सदन में ये नया तर्क आया कि ये हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों? आपने लेना नहीं हो तो किसी पर कोई दबाव नहीं है। इस देश में दहेज के खिलाफ कानून बने, इसकी किसी ने मांग नहीं की, लेकिन प्रगतिशील देश के लिए जरूरी था, इसलिए कानून बना। इस देश के छोटे किसान को कुछ पैसे मिले इसकी किसी भी किसान संगठन ने मांग नहीं की थी। लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनको हमने धन देना शुरू किया। तीन तलाक कानून, शिक्षा का अधिकार कानून, बाल विवाह रोकने के कानून की किसी ने मांग नहीं की थी, लेकिन समाज के लिए जरूरी था इसलिए कानून बना। मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है।
गिनाए कानूनों के फायदे
उन्होंने कहा कि हमने देश में बदलाव के लिए हर प्रकार की कोशिश की है। इरादा नेक हो तो परिणाम भी अच्छे मिलते हैं। हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है। हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं। हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सरकार द्वारा तीन कृषि कानून लाए गए, ये कृषि सुधार महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं। इन कानूनों के लागू होने के बाद कोई भी मंडियां बंद नहीं हुईं, एमएसपी राष्ट्र में कहीं भी समाप्त नहीं हुआ। यह एक सच्चाई है जिसे हम छिपाते हैं, इसका कोई अर्थ नहीं है। कानून बनने के बाद एमएसपी पर खरीद बढ़ी।
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