नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज इंदौर में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट आधारित गोबर-धन प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि अगले 2 वर्षों में देश के 75 बड़े नगर निकायों में ऐसे गोबर-धन प्लांट, ऐसे बायो-सीएनजी प्लांट बनाने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल देश के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त बनाने और उन्हें स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने में मदद करेगी। इंदौर के ‘गोबर-धन’ संयंत्र को प्रदेश सरकार द्वारा ‘शहरी क्षेत्र से निकलने वाले गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाने की एशिया की सबसे बड़ी इकाई' बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने लोकार्पण समारोह में कहा,'7-8 साल पहले भारत में इथेनॉल ब्लेंडिंग 1-2% ही हुआ करती थी। आज पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग का प्रतिशत, 8% के आसपास पहुंच रहा है। बीते सात वर्षों में ब्लेंडिंग के लिए इथेनॉल की सप्लाई को भी बहुत ज्यादा बढ़ाया गया है। सरकार का प्रयास है कि भारत के ज्यादा से ज्यादा शहर Water Plus बनें। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण पर जोर दिया जा रहा है। 1 लाख से कम आबादी वाले जो नगर निकाय हैं वहां गंदे पानी के ट्रीटमेंट की सुविधा बढ़ाई जा रही है। स्वच्छ होते शहर से पर्यटन की संभावना भी जन्म लेती है। हमारे देश में कोई ऐसी जगह नहीं, जहां ऐतिहासिक स्थल न हों। कमी स्वच्छता की रही है।अगर शहर स्वच्छ होंगे तो दूसरी जगह से लोग भी वहां आएंगे।'
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'इंदौर का यह संयंत्र देश के दूसरे शहरों को भी ऐसी इकाइयां लगाने की प्रेरणा देगा। मुझे बताते हुए खुशी है कि आने वाले दो वर्षों में 75 अन्य बड़े नगरीय निकायों में भी "गोबर-धन" बायो-सीएनजी संयंत्र बनाने के लिए काम किया जा रहा है। हमें इस अभियान से शहरों को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में भी काफी मदद मिलेगी। शहरी घरों से निकलने वाला गीला कचरा हो या गांवों में पशुओं और खेतों का अपशिष्ट, यह सब एक तरह से गोबर धन ही है। कचरे से गोबर धन, गोबर धन से स्वच्छ ईंधन, स्वच्छ ईंधन से ऊर्जा धन, यह श्रृंखला जीवन धन का निर्माण करती है।'
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'किसी भी चुनौती से निपटने के दो तरीके होते हैं, पहला- उस चुनौती का तात्कालिक समाधान कर दिया जाए। दूसरा- उस चुनौती से ऐसे निपटा जाए कि सभी को स्थाई समाधान मिले। बीते सात वर्षों में हमारी सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, वो स्थाई समाधान देने वाली होती हैं। अब तो शहरों में ही नहीं, देश के गांवों में भी हजारों की संख्या में गोबरधन बायो गैस प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनसे हमारे पशुपालकों को गोबर से भी अतिरिक्त आय मिलनी शुरु हुई है। गांव-देहात में किसानों को बेसहारा पशुओं से जो दिक्कत होती है, वो दिक्कत भी इसके कारण कम हो जाएगी।'
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