PM Modi ने इंदौर में किया एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी संयंत्र का उद्घाटन, इन खूबियों से है लैस

देश
किशोर जोशी
Updated Feb 19, 2022 | 15:51 IST

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 150 करोड़ रुपये की लागत से बने बायो-सीएनजी संयंत्र ‘‘गोबर-धन’’ का लोकार्पण किया 

PM Narendra Modi inaugurates Asia's biggest Bio-CNG plant in Indore Madhya Pradesh
PM ने किया एशिया के सबसे बड़े बायो-CNG संयंत्र का उद्घाटन 
मुख्य बातें
  • एशिया के सबसे बड़े बायो-सीएनजी संयंत्र का मोदी ने किया लोकार्पण
  • 150 करोड़ रुपये की लागत से बना है बायो-सीएनजी संयंत्र
  • पीएम बोले- इससे शहर को प्रदूषणमुक्त बनाने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में भी मदद मिलेगी

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज इंदौर में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट आधारित गोबर-धन प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि अगले 2 वर्षों में देश के 75 बड़े नगर निकायों में ऐसे गोबर-धन प्लांट, ऐसे बायो-सीएनजी प्लांट बनाने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल देश के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त बनाने और उन्हें स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जाने में मदद करेगी। इंदौर के ‘गोबर-धन’ संयंत्र को प्रदेश सरकार द्वारा ‘शहरी क्षेत्र से निकलने वाले गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाने की एशिया की सबसे बड़ी इकाई'  बताया जा रहा है।

स्वच्छता का किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने लोकार्पण समारोह में कहा,'7-8 साल पहले भारत में इथेनॉल ब्लेंडिंग 1-2% ही हुआ करती थी। आज पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग का प्रतिशत, 8% के आसपास पहुंच रहा है। बीते सात वर्षों में ब्लेंडिंग के लिए इथेनॉल की सप्लाई को भी बहुत ज्यादा बढ़ाया गया है। सरकार का प्रयास है कि भारत के ज्यादा से ज्यादा शहर Water Plus बनें। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण पर जोर दिया जा रहा है। 1 लाख से कम आबादी वाले जो नगर निकाय हैं वहां गंदे पानी के ट्रीटमेंट की सुविधा बढ़ाई जा रही है। स्वच्छ होते शहर से पर्यटन की संभावना भी जन्म लेती है। हमारे देश में कोई ऐसी जगह नहीं, जहां ऐतिहासिक स्थल न हों। कमी स्वच्छता की रही है।अगर शहर स्वच्छ होंगे तो दूसरी जगह से लोग भी वहां आएंगे।'

देश में बनेंगे और भी संयत्र

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'इंदौर का यह संयंत्र देश के दूसरे शहरों को भी ऐसी इकाइयां लगाने की प्रेरणा देगा। मुझे बताते हुए खुशी है कि आने वाले दो वर्षों में 75 अन्य बड़े नगरीय निकायों में भी "गोबर-धन" बायो-सीएनजी संयंत्र बनाने के लिए काम किया जा रहा है। हमें इस अभियान से शहरों को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में भी काफी मदद मिलेगी। शहरी घरों से निकलने वाला गीला कचरा हो या गांवों में पशुओं और खेतों का अपशिष्ट, यह सब एक तरह से गोबर धन ही है। कचरे से गोबर धन, गोबर धन से स्वच्छ ईंधन, स्वच्छ ईंधन से ऊर्जा धन, यह श्रृंखला जीवन धन का निर्माण करती है।'

गोबरधन प्लांट

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'किसी भी चुनौती से निपटने के दो तरीके होते हैं, पहला- उस चुनौती का तात्कालिक समाधान कर दिया जाए। दूसरा- उस चुनौती से ऐसे निपटा जाए कि सभी को स्थाई समाधान मिले। बीते सात वर्षों में हमारी सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, वो स्थाई समाधान देने वाली होती हैं। अब तो शहरों में ही नहीं, देश के गांवों में भी हजारों की संख्या में गोबरधन बायो गैस प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनसे हमारे पशुपालकों को गोबर से भी अतिरिक्त आय मिलनी शुरु हुई है। गांव-देहात में किसानों को बेसहारा पशुओं से जो दिक्कत होती है, वो दिक्कत भी इसके कारण कम हो जाएगी।'

ये हैं विशेषताएं

  1. कंपनी की ओर से शहरी निकाय को हर साल 2.5 करोड़ रुपये का प्रीमियम प्रदान किया जाएगा।
  2.  निजी कम्पनी द्वारा शहरी निकाय को संयंत्र से बेची जाने वाली बायो-सीएनजी का दाम सामान्य सीएनजी की प्रचलित बाजार दर से पांच रुपये प्रति किलोग्राम कम रखा जायेगा।
  3. करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में हर रोज औसतन 700 टन गीला कचरा व 400 टन सूखा कचरा निकलता है और दोनों तरह के अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान की अलग-अलग सुविधाएं विकसित की गई हैं।
  4. अधिकारियों के मुताबिक इंदौर का स्वच्छता मॉडल "3 आर" (रिड्यूज, रीयूज और रीसाइकिल) के सूत्र पर आधारित है जिसकी बदौलत यह शहर केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार पांच सालों से देश भर में अव्वल बना हुआ है।

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