पांच जनवरी को टीवी स्क्रीन पर एक तस्वीर आई जिसके बाद देश की राजनीति गरमा गई। तस्वीर पीएम नरेंद्र मोदी की थी जिसमें वो करीब 20 मिनट तक फिरोजपुर में एक फ्लाइओवर पर फंसे हुए। मामला पीएम नरेंद्र मोदी सुरक्षा चूक से जुड़ा हुआ था। पीएम मोदी के एक बयान के बाद मामला और गरमा जिसमें उन्होंने कहा पंजाब सरकार के अधिकारियों से कहा कि अपने सीएम को थैंक्स कहना कि वो जिंदा वापस लौट पाए। इस केस में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चार सदस्यों वाली समिति भी गठित की गई है। इन सबके बीच एक और मामला सामने आया जिसमें बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से रिपोर्ट मांगी थी। उसके बाद स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद बीजेपी इस विषय पर हमलावर है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सवाल किया कि किस हैसियत से प्रियंका गांधी को रिपोर्ट दी गई। आखिर किसे फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी।
प्रियंका गांधी को क्यों दी गई जानकारी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पंजाब के सीएम ने पीएम के सुरक्षा प्रोटोकॉल और उल्लंघन के बारे में एक निजी नागरिक (प्रियंका गांधी वाड्रा) को क्यों जानकारी दी? निजी नागरिक, जो गांधी परिवार का हिस्सा है, एक इच्छुक पार्टी क्यों है? मैं कांग्रेस आलाकमान को अपने सवाल दोहराता हूं। पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की सक्रिय मिलीभगत के कारण सुरक्षा उपायों को जानबूझकर क्यों तोड़ा गया? कांग्रेस में किसने पीएम की सुरक्षा भंग का फायदा उठाना चाहा?
किरण बेदी ने साधा निशाना
पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि विफलता का संदेह पहले था लेकिन अब यह स्पष्ट है। पंजाब सरकार पीएम की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार थी। अधिकारियों को अवैध और अनियमित आदेशों की स्वीकृति के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके लिए मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह सचिव जिम्मेदार हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी का स्वागत है और इसकी नितांत आवश्यकता है क्योंकि यह पंजाब के नागरिक प्रशासन और पुलिस का सबसे विनाशकारी प्रदर्शन रहा है, जिसने देश के बाकी हिस्सों के लिए एक बहुत ही खराब उदाहरण पेश किया है।
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