नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी का एक पुराना वीडियो ट्वीट किया। इसमें वह अपनी लोकप्रिय कविता 'आओ फिर से दिया जलाएँ' का पाठ कर रहे हैं। अटल जी की यह कविता काफी प्रसिद्ध हुई थी और आज भी कई सार्वजनिक मंचों पर इसका पाठ किया जाता है। इससे पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संदेश जारी कर लोगों से 5 अप्रैल को रात 9 बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके बालकनी में, खड़े होकर मोमबत्ती, दीया या टार्च जलाने का आग्रह किया था।
क्या कहा था पीएम मोदी ने
अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। उन्होंने कहा था कि इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना हैऔर इसलिए, रविवार 5 अप्रैल को, हम सबको मिलकर, कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है।
लोगों से की अपील
पीएम मोदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा था, '30 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल, रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। ध्यान से सुनिएगा, 5 अप्रैल को रात 9 बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं।'
अटल जी की कविता
पीएम मोदी ने अटल जी की जो कविता शेयर की उसकी पंक्तियां कुछ इस प्रकार हैं-
आओ फिर से दिया जलाएँ
भरी दुपहरी में अँधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें-
बुझी हुई बाती सुलगाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ
हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल
वर्त्तमान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज़्र बनाने-
नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।