Jagannath Balaram Subhadra: पुरी जगन्नाथ में निकली रथ यात्रा, मंदिर पहुंचें पुरी के राजा

देश
आलोक राव
Updated Jun 23, 2020 | 12:14 IST

RathYatra at Puri Jagannath Temple: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा निकाली जा रही है। कोर्ट ने इस रथ यात्रा के लिए शर्तें लगाई हैं। रथ यात्रा में इस बार श्रद्धालु शामिल नहीं हैं।

Preparations underway for RathYatra at Puri Jagannath Temple with Supreme court conditions
सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त रथ यात्रा निकालने की दी है छूट, Puri Rath yatra 2020  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ रथ यात्रा निकालने की छूट दी है
  • रथ यात्रा में 500 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की इजाजत नहीं
  • कोर्ट ने कहा है कि मंदिर प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए

भुवनेश्वर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा धूमधाम से निकली। ऐतिहासिक रथ यात्रा के लिए मंदिर के पुजारी एवं 'सेवायत्स' भगवान बलभद्र की मूर्ति जगन्नाथ मंदिर से निकालकर रथ यात्रा के लिए बाहर लाए। इस दौरान भगवान बलभद्र के जयघोष के नारे लगे। यह 2500 साल में पहली बार है जब श्रद्धालु रथ यात्रा का हिस्सा नहीं बने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी अहम सुनवाई करते हुए शर्तों के साथ यह रथ यात्रा निकालने की छूट दी है।

रथ यात्रा में शामिल होने पहुंचे पुरी के राजा
रथ यात्रा में शामिल होने के लिए पुरी के राजा गजपति महाराज जगन्नाथ मंदिर पहुंच गए हैं। वह 'छेड़ा पहंरा' की रस्म निभाएंगे। इस दौरान वह सोने का हैंडल लगे झाड़ू से रथों की सफाई करेंगे।

 

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के मौके पर सभी को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। पीएम ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के मांगलिक अवसर पर मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मेरी इच्छा है कि भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा सभी के जीवन में खुशियां, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए।' 

शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस 'रथ यात्रा' में 500 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। साथ ही राज्य सरकार से कहा है कि वह इस दौरान लोगों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखे। कोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकार से कहा है कि वे कोविड-19 से जुड़े स्वास्थ्य निर्देशों एवं परामर्शों को रथ यात्रा के दौरान लागू कराएं।

नवीन पटनायक ने खुशी जाहिर की
कोर्ट से रथ यात्रा की अनुमति मिलने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को खुशी जाहिर की और इस फैसले के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन इस रथ यात्रा को निकालने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, 'रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने के लिए मैं कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। मैं सहयोग देने के लिए केंद्र सरकार का भी अभारी हूं।'

सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त छूट
सुप्रीम कोर्ट ने गत 18 जून के अपने फैसले में कोविड-19 के प्रकोप का हवाला देते हुए इस साल रथ यात्रा निकालने पर रोक लगा दी। कोर्ट के इस फैसले में संशोधन के लिए चार अर्जियां लगाई गई थीं जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शर्तों के साथ रथ यात्रा निकालने की छूट दी। प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'रथ को 500 से ज्यादा लोगों द्वारा नहीं खींचा जाएगा और इन सभी 500 लोगों में कोरोना वायरस की जांच की जाएगी। जांच में निगेटिव पाए जाने के बाद ही इन लोगों को रथ खींचने की छूट होगी। इन 500 लोगों में अधिकारी एवं पुलिसकर्मी भी शामिल होंगे।' 

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर जोर
कोर्ट ने कहा है कि दो रथों के बीच में दूरी रखी जाएगी और इन रथों को खींचने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है रथ यात्रा उत्सव के दौरान शहर में प्रवेश करने के सभी प्रवेश मार्ग, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड बंद रहेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा है कि शहर में जितने दिनों तक रथ यात्रा का उत्सव चलेगा राज्य सरकार उतने दिनों तक शहर में कर्फ्यू का पालन करा सकती है।

शहर में होगी कर्फ्यू जैसी स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्फ्यू के दौरान किसी को भी अपने निवास स्थान जैसे कि घरों, होटल, लॉजिंग हाउस आदि से बाहर निकलने की छूट नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि रथ यात्रा निकालने की जिम्मेदारी शर्तों के साथ पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन कमेटी के प्रभारी की होगी। कमेटी के सदस्यों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे कोर्ट एवं स्वास्थ्य पर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कराएं। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर