नई दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, हालांकि इसमें कुछ प्रगति हुई है। भारत की ओर से बात ऐसे समय में कही गई है जब भारतीय सेना और चीन के पीएलए के बीच नए दौर की वार्ता होने वाली है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह बातचीत अगले दो दिनों में होगी। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले चीन ने दावा किया था कि अग्रिम मोर्चे से दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की कवायद सीमा पर अधिकांश स्थानों पर पूरी हो गई है। चीन ने यह भी कहा था कि जमीन पर स्थिति सामान्य हो रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीनी दावे के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में आनलाइन माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'इस उद्देश्य की दिशा में कुछ प्रगति हुई है लेकिन पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।' उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर निकट भविष्य में बैठक करेंगे ताकि पीछे हटने की प्रक्रिया पूरा करने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जा सके। श्रीवास्तव ने कहा कि जैसा कि हमने पहले की कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है।
उन्होंने कहा कि इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने, तनाव कम करने तथा सीमावर्ती क्षेत्र में पूरी तरह से शांति बहाल करने के लिए गंभीरता से काम करेगी जिस पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी थी।
गौरतलब है कि सीमा मुद्दे पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि.... भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच 5 जुलाई 2020 को टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। वहीं, 24 जुलाई को राजनयिक बातचीत में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकाल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के जल्द और पूरी तरह से पीछे हटने पर सहमति व्यक्त की थी जो सम्पूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के लिये जरूरी है। यह बातचीत ऐसे समय में हुई थी जब चीनी सेना के पूर्वी लद्दाख के कुछ हिस्सों से पीछे हटने संकेत मिले थे।
बहरहाल, बीजिंग में चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल रेन गुओजियांक ने कहा कि दोनों देशों की सीमाई सैनिकों के पीछे हटने का कार्य धीरे धीरे हो रहा है और क्षेत्र में वर्तमान स्थिति तनाव कम होने की ओर बढ़ रही है। ब्रीफिंग के आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष चीन-भारत संबंध और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता की सम्पूर्ण स्थिति की ओर बढ़ेगी और दोनों देशें के संबंधों के सतता विकास, सहयोग, मतभेदों को ठीक से दूर करने पर ध्यान देगी।'
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